सरकार में सूत्रों ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के एजेंडे का हिस्सा था लेकिन इसे टाल दिया गया। कैबिनेट की बैठक मंगलवार सुबह हुई।
प्रस्ताव को टालने के कारणों के बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। नियमों में बदलाव कर सशस्त्र बलों में सेवारत कर्मियों सहित नौकरीपेशा लोगों को इलेक्ट्रानिक साधनों से पोस्टल बैलट हासिल करने की सुविधा दी गई है। उनके पास प्रतिनिधि के माध्यम से वोट डालने का विकल्प है।
अनिवासी भारतीयों के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने की जरूरत है ताकि वे पोस्टल बैलट और प्रतिनिधित्व वोटिंग में शामिल हो सकें।
चुनाव आयोग में इस मुद्दे पर काम कर रही एक विशेषज्ञ समिति ने 2015 में कानून मंत्रालय के वैधानिक संरचना को अग्रसारित किया था ताकि चुनाव कानूनों में संशोधन कर अनिवासी भारतीयों को प्रतिनिधित्व वोटिंग और ई बैलेट सुविधा की अनुमति दी जा सके।
आंकड़े दर्शाते हैं कि केवल दस हजार से 12 हजार अनिवासी भारतीयों ने वोटिंग की है क्योंकि देश में आकर वोट डालने के लिए वे धन खर्च नहीं करना चाहते। भाषा