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क्या है टूलकिट जिसे लेकर मचा है बवाल? ग्रेटा थनबर्ग से लेकर दिशा रवि है निशाने पर

किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर टूलकिट शेयर करने का मामला गरमाता जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने...
क्या है टूलकिट जिसे लेकर मचा है बवाल? ग्रेटा थनबर्ग से लेकर दिशा रवि है निशाने पर

किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर टूलकिट शेयर करने का मामला गरमाता जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने इसके खिलाफ बेंगलुरु से जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। दिल्ली की एक अदालत ने उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आपराधिक साजिश रचने के आरोप में टूलकिट के एडिटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने आरोप लगाया है कि टूलकिट मामला खालिस्तानी संगठन को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। इतना ही नहीं पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी की हिंसा में भी टूलकिट की साजिश के संकेत दिए हैं।

आइए जानते है क्या है यह टूलकिट?
टूलकिट, सीधे शब्दों में कहें तो किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक दस्तावेज है। यह इस बात की भी जानकारी देता है कि किसी को समस्या के समाधान के लिए क्या करना चाहिए। इसमें याचिकाओं के बारे में जानकारी, विरोध प्रदर्शन और जन आंदोलनों के बारे में जानकारी आदि शामिल हो सकते हैं।

थनबर्ग द्वारा जिस टूलकिट को शेयर किया गया, वह देश की राजधानी में "किसानों के विरोध को समझाने" की कोशिश करता है।

यह एक दस्तावेज है जो किसी को भी भारत में चल रहे किसानों के विरोध से ठीक से समझाता है जिससे स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सके और अपने विश्लेषण के आधार पर किसानों का समर्थन करने के बारे में निर्णय लिया जा सके। टूलकिट भारत में किसानों की स्थिति को स्पष्ट रूप से बताता है और केंद्र के हाल के कृषि विधानों के बारे में बात करता है।

इस टूलकिट बताया गया है कि आत्मनिर्भर और समृद्ध बनने के लिए समर्थित होने के बजाय, अधिकांश किसानों को बड़े निगमों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के नियंत्रण के अधीन किया जा रहा है, जिनका एकमात्र ध्यान मुनाफा है, और इसमें प्रकृति का बढ़ता शोषण शामिल है।

जानिए कौन है दिशा रवि?
दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक की संपादक हैं और उन पर दस्तावेज के निर्माण और प्रसार में एक महत्वपूर्ण साजिशकर्ता होने का आरोप है। उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया और टूलकिट डॉक बनाने के लिए सहयोग किया। उसने दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के लिए उनके साथ मिलकर काम किया।

पुलिस ने कहा कि दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया में, रवि और समूह के अन्य सदस्यों ने भारत के खिलाफ असहमति फैलाने के लिए खालिस्तानी पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सहयोग किया।

टूलकिट और ग्रेटा थनबर्ग का कनेक्शन?
इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सबसे पहले 3 फरवरी को किसान आंदोलन से जुड़ा एक टूलकिट ट्विटर पर शेयर किया था, हालांकि कुछ देर में ही उसे डिलीट कर दिया गया था। उनसे ग्रेटा ने लिखा था "अगर आप किसानों की मदद करना चाहते हैं तो आप इस टूलकिट की मदद ले सकते हैं।" इसके बाद 4 फरवरी को ग्रेटा द्वारा इसे फिर से शेयर किया गया।

दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को देश में विद्रोह फैलाने वाला दस्तावेज बताते हुए लेखकों के खिलाफ आईपीसी की धारा-124ए, 153ए, 153, 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया, लेकिन इसमें किसी का नाम शामिल नहीं किया गया था। जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि इसे बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने एडिट किया है।

वर्तमान में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जितने भी आंदोलन हो रहे हैं, चाहे वो 'ब्लैक लाइव्स मैटर' हो, या अमेरिका का 'एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट' या फिर दुनियाभर में 'क्लाइमेट स्ट्राइक कैंपेन', सभी मामलों में उन आंदोलनों से जुड़े लोग टूलकिट के जरिए ही 'एक्शन पॉइंट्स' तैयार करते हैं, और आंदोलनों को आगे बढ़ाते हैं।

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