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इंटरव्यू/हार्दिक पटेल: ‘मैं सबसे बड़ा हिंदू हूं’

हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के जरिए राष्ट्रीय पहचान हासिल की। आंदोलन खत्म...
इंटरव्यू/हार्दिक पटेल: ‘मैं सबसे बड़ा हिंदू हूं’

हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के जरिए राष्ट्रीय पहचान हासिल की। आंदोलन खत्म होने के बाद 2019 में वे कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन कुछ दिनों पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि विडंबना यह है कि पटेल एक वक्त कट्टर भाजपा विरोधी रहे हैं। आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बात की और यह जानने की कोशिश की कि आखिर वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में क्यों शामिल हुए और आने वाले समय में उनकी रणनीति क्या होगी? संपादित अंश:

 कांग्रेस से मोहभंग का कारण क्या है?

2015 में जब हमने आंदोलन शुरू किया तो उसका मुख्य ध्येय यही था कि गुजरात के लोगों को शिक्षा और रोजगार में फायदा मिल सके। हमारे आंदोलन की बदौलत ही गुजरात में युवा स्वावलंब योजना की शुरुआत हुई और अनारक्षित लोगों के लिए आयोग बना। उसके बाद 2019 में नरेंद्र भाई ने आर्थिक आधार पर आरक्षण घोषित किया और हमने अपने आंदोलन को खत्म कर दिया और सोचा कि अब राजनीति में उतरकर लोगों की सेवा करेंगे।

जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ तो देखा कि वह लोगों की भावनाओं से खेल रही है। हमने पार्टी से राम मंदिर और अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया। मैं स्टेट कांग्रेस का वर्किंग प्रेसिडेंट था, इसके बावजूद किसी पोस्टर पर मेरी तस्वीर नहीं लगती थी और मुझे मीटिंग में भी बुलाया नहीं जाता था। इसको लेकर मैंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया जी से भी संपर्क किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद मैंने सोचा कि अब मुझे अपना रास्ता अलग करना चाहिए। कांग्रेस में सक्षम और मजबूत लोगों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है।

भाजपा से कोई खास प्रेम? भाजपा को ही आपने क्यों चुना?

नरेंद्र भाई मोदी ने 12 वर्षों तक गुजरात का मुख्यमंत्री रहते और अभी प्रधानमंत्री के रूप में भी गुजरात की जनता की सेवा की है। वे हर वक्त गुजरात के सुख-दुख में शामिल रहते हैं और मुझे इस पर गर्व है। एक गुजराती होने के नाते मैं उनके साथ मिलकर अपने गुजरात की सेवा करना चाहता हूं।

आपने एक इंटरव्यू में कहा है कि कांग्रेस ने आपकी टीम को बर्बाद कर दिया है। इसे हम क्या समझे? क्या आपके समर्थक आपका साथ छोड़ चुके हैं?

पहली बात यह है कि वह आंदोलन खत्म हो चुका है। दूसरी बात, राजनीति में जो मजबूत होता है वह अपने सहूलियत के हिसाब से रास्ता ढूंढ लेता है। हालांकि मेरे साथी अब भी मेरे साथ जुड़े हुए हैं। जिस दिन मैं भाजपा में शामिल हुआ, उस दिन कार्यालय में हजारों लोग खड़े थे और वहां जगह की कमी हो गई थी। अगर पार्टी मुझे शक्ति-प्रदर्शन दिखाने को कहती तो मैं वह भी करता। आगे हम लोग बड़े-बड़े कार्यक्रम करेंगे और युवाओं को भाजपा से जोड़ने का काम करेंगे।

जब आप भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे थे तो उस समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। इसे क्या समझा जाए?

सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि सरकार और संगठन में फर्क होता है। हम कांग्रेस जैसे नहीं हैं जहां परिवारवाद चलता है और जहां सरकार और संगठन में कोई फर्क ही नहीं है। जब मैं भाजपा में शामिल हुआ तो राज्य भाजपा के अध्यक्ष से लेकर पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद थे। भाजपा में सब कुछ सिस्टम के तहत चलता है। यहां मेहनत की बदौलत आपको जगह बनानी पड़ती है और इसका सबसे बड़ा उदहारण नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं। कांग्रेस पार्टी में चापलूसी चलती है। मुझे हमेशा से लोग कहते थे कि हार्दिक जैसे व्यक्ति के लिए भाजपा सबसे उपयुक्त जगह है।

बहुत पहले आपने एक ट्वीट किया था कि अगर कोई देशद्रोही भाजपा में शामिल हो जाता है, तो वह देशभक्त बन जाता है। भाजपा के लोगों ने आप पर भी देशद्रोही होने के आरोप लगाए थे, तो क्या अब आप देशभक्त हो गए हैं?

देशद्रोही तो मुझे कोई भी नहीं कह सकता है। मैंने गुजरात की जनता का प्यार कमाया है। मैं जब भाजपा में नहीं था तब भी देश हित में काम करता था। मैंने कभी देश के विरुद्ध नारे नहीं लगाए। मुझ पर कभी देश के खिलाफ आवाज उठाने का मुकदमा नहीं लगा है, मेरे ऊपर मुकदमा देश की आवाज उठाने के लिए लगा। जब नरेंद्र भाई ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था उस वक्त भी मैंने कहा था कि एक देश में एक विधान ही होना चाहिए। बाकी कांग्रेस के नेता अभी बहुत कुछ कहेंगे और उनका काम है कहना। वे लोग मेरी देशभक्ति को समझ नहीं पाए।

आने वाले वर्षों में आपका फोकस किन मुद्दों पर रहने वाला है?

नरेंद्र मोदी पिछले 20-22 साल से देश की जनता से जुड़े हुए हैं। उनका फोकस हमेशा यही रहता है कि योजनाएं कैसे हरेक व्यक्ति तक पहुंचें। पार्टी में रहते हुए मैं भी कोशिश करूंगा कि देश की जनता के लिए पीएम ने जितनी भी योजनाएं लागू की हैं, उन्हें जन-जन तक पहुंचाऊं। जब कोई गरीब वंचित होता है तो मुझे बहुत दुख होता है।

गुजरात में आम आदमी पार्टी भी पैर जमाने की कोशिश कर रही है। कहीं भाजपा को इससे नुकसान तो नहीं होगा और आपने ‘आप’ क्यों नहीं ज्वाइन किया?

गुजरात में आम आदमी पार्टी का कोई वजूद नहीं है तो ‘आप’ से हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। और जब गुजरात के अस्तित्व की बात आएगी तो मैं अपने नरेंद्र भाई मोदी के साथ खड़ा रहूंगा।

जिग्नेश मेवाणी आपके अच्छे दोस्त हैं। लेकिन उनके ऊपर कई केस चल रहे हैं और वे हाल ही में जेल में भी गए। उनके मामले में कांग्रेस भाजपा पर बदला लेने का आरोप लगा रही है। इस पर आपका क्या विचार है?

मैं आंदोलन की बात करूंगा। जब हम कोई आंदोलन करते हैं तो उसमें ऐसे बहुत से अराजक तत्व शामिल हो जाते हैं जो अपनी हरकतों से हमें बदनाम करने की कोशिश करते हैं। मेरे ऊपर भी कई केस चल रहे हैं और मुझे इस देश के न्याय तंत्र पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और हम निर्दोष साबित होंगे। जब नरेंद्र भाई गुजरात के सीएम थे उस वक्त भी कांग्रेस की तरफ से उनके ऊपर कई आरोप लगाए थे लेकिन अंत में उन्हें क्लीनचिट मिली। हमारे साथ भी ऐसा ही होगा।

आपने कहा है कि कांग्रेस का वोट ओवैसी की पार्टी को जाएगा। आम तौर पर कहा जाता है कि ओवैसी को सिर्फ मुस्लिमों का वोट मिलता है। कहीं आप यह तो कहना नहीं चाह रहे थे कि कांग्रेस को सिर्फ मुस्लिम वोट देते हैं?

देखिए, कांग्रेस हमेशा से तुष्टीकरण की राजनीति करती रही है और वह अल्पसंख्यक वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं कांग्रेस के गुजरात के नेता भरत सिंह सोलंकी, जिन्होंने कहा था कि राम मंदिर की दीवारों पर कुत्ते पेशाब करते हैं। अब लोग बताएं कि उन्होंने यह बयान किसको खुश करने के लिए दिया था? हालांकि मुझे गुजरात की जनता पर विश्वास है और वह 1995 से ही भाजपा से प्यार करती आ रही है और आगे भी करती रहेगी।

भाजपा पर हमेशा से सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगता है और आप खुद को एक सेकुलर नेता बताते हैं। भाजपा में रहते हुए आप इस छवि को कैसे बचा पाएंगे?

मैं सेकुलर हूं लेकिन सबसे बड़ा हिंदू भी हूं। गुजरात में सबसे ज्यादा धार्मिक आयोजन होता है और मैं सहभागी भी बनता हूं। हिंदू होने का मतलब यह नहीं है कि मुझे दूसरे धर्म से नफरत है। लेकिन हां, जो लोग धर्म के नाम पर रोटियां सेकते हैं, उनसे मुझे नफरत है।

आपका अगले पांच साल का रोडमैप क्या है?

जब हमने आंदोलन शुरू किया था तब भी हम जनता की सेवा करना चाहते थे। जब कांग्रेस ज्वाइन किया था तब भी जनता के बीच जाकर मैं सेवा करता रहा और आगे भी करना चाहता था, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं करने दे रही थी। आज जब भाजपा में हूं तब भी सामजिक और राजनितिक रूप से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सहयोग से जनता की सेवा करना चाहूंगा। मुझे उम्मीद है नरेंद्र भाई मेरी सामर्थ्य को पहचानेंगे और उसका भरपूर उपयोग करेंगे।

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