चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी को लेकर आरबीआई ने सरकार से सिफारिश नहीं की बल्कि सरकार ने आरबीआई से सिफारिश की। चिदंबरम ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद करीब 2400 करोड़ नोट वापस लिये गये। जबकि नोट छापने की क्षमता प्रतिदिन मात्र 300 करोड़ की ही है। बिना तैयारी के लिए घए फैसले के कारण लोगों को परेशानी हुई और देश के ज्यादातर एटीएम ठप हो गये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुये उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री की, एक आदमी की अज्ञानता के कारण भारत को 2.40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसकी भरपाई अगले साल भी नहीं हो पायेगी और इसका असर 2018-19 के कुछ महीनों तक बना रहेगा।'
उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या अब देश में ब्लैक मनी नहीं है? उन्होंने यह भी पूछा कि चुनाव के दौरान पंजाब में सीज किए गए 70 करोड़ रुपए और उत्तर प्रदेश में सीज किए गए 121 करोड़ रुपए क्या सफेद धन था?
चिदंबरम ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला एक मात्र व्यक्ति के द्वारा लिया गया फैसला था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के लिए की गई बैठक में 10 की जगह केवल 2 निदेशकों ने ही भाग लिया था।