गैंगरेप पीड़िता फिलहाल अलीगंज के एक हॉस्टल में रहती है। पुलिस के मुताबिक, हॉस्टल के गार्ड ने बताया कि जब वह महिला का शोर सुनकर पहुंचा तो महिला ने जिस ओर आरोपियों के भागने का इशारा किया, वह उधर दौड़कर गया, पर कोई नजर नहीं आया। हॉस्टल की दीवार करीब साढ़े छह फुट ऊंची है। महिला पर तेजाब किसने डाला, इसकी जांच हो रही है। इससे पहले पीड़िता ने जिन भोंदू सिंह और गुड्डू पर आरोप लगाया था, उन्हें रायबरेली में करीब साढ़े नौ बजे पुलिस कस्टडी में ले लिया गया। दोनों रायबरेली में ही मौजूद थे। महिला का कहना है कि शनिवार रात करीब 7:50 बजे वह पानी भरने हॉस्टल के नीचे लगे नल पर गई थी, तभी उस पर तेजाब से हमला हुआ। महिला की चीख-पुकार सुनकर हॉस्टल की अन्य महिलाएं बाहर आ गईं।
इससे पहले 23 मार्च को गैंगरेप पीड़िता को ट्रेन में तेजाब पिलाने की कोशिश की गई थी। उस समय महिला इलाहाबाद-लखनऊ गंगा-गोमती एक्सप्रेस से ऊंचाहार के तवाईयाधनी गांव से लखनऊ जा रही थी। चारबाग स्टेशन पर उतरने के बाद महिला ने पुलिस को बताया कि मोहनलालगंज के पास कुछ गुंडों ने उसे जबर्दस्ती तेजाब पिलाने की कोशिश की। विरोध करने पर तेजाब उस पर फेंक दिया। महिला बोल नहीं पा रही थी। उसने कागज पर लिखकर आपबीती बताई और शिकायत दर्ज कराई। बाद में उसे लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया।
पांचवी बार किया हमला
45 साल की इस महिला पर बीते नौ साल में यह पांचवां हमला है। 2008 में दो लोगों ने प्रॉपर्टी विवाद के बाद उसका गैंगरेप किया था। 2012 में उस पर चाकू से हमला किया गया। 2013 में उस पर एसिड फेंका गया। पिछले साल दिसंबर में उसकी बेटी से रेप करने की धमकी भी उसे दी गई थी।