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केवी में एडमिशन : सांसदों को दाखिले पर गरीब बच्चों को वरीयता देनी होगी

केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के सांसद कोटा में जल्द ही अहम बदलाव हो सकता है। नए प्रावधानों में सांसद कोटा के तहत होने वाले दाखिले के लिए गरीब बच्चों को वरीयता देनी होगी। पिछली सरकार के दौरान इस कोटे को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया था, मगर सांसदों के भारी विरोध के बाद इस फैसले को वापस लेना पड़ा था।
केवी में एडमिशन : सांसदों को दाखिले पर गरीब बच्चों को वरीयता देनी होगी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए सांसद कोटा (सांसद संस्तुति पर प्रवेश) में बदले हुए नियम जल्द ही घोषित हो सकते हैं।

केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) की हाल में हुई शीर्ष स्तरीय बैठक में यह तय किया गया है कि विशेष छूट प्रवेश योजना में गरीब छात्रों के दाखिले को प्राथमिकता दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। ऐसे में इसे पूरी तरह सांसदों के विशेषाधिकार पर छोड़ देने की बजाय इसके लिए कुछ प्रावधान तय किए जाएंगे।

हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि इस कोटे के तहत सभी सीटें गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों के लिए ही तय की जाएं या फिर पांच लाख तक की सालाना पारिवारिक आय के लिए भी इसमें कोई संख्या तय की जाए। इस दौरान जातिगत आधार पर भी सब-कोटा तय करने का सुझाव आया था। मगर इस पर सहमति नहीं बनी।

देशभर में एक हजार से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में 12.32 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। मौजूदा प्रावधान के मुताबिक लोकसभा और राज्यसभा के प्रत्येक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र से दस छात्रों की केंद्रीय विद्यालय में दाखिले की सिफारिश करने का अधिकार है।

इस तरह इन स्कूलों में सालाना लगभग आठ हजार छात्र इस कोटे के तहत दाखिला पाते हैं। पहले सांसदों का कोटा छह छात्रों का था, जिसे पिछले साल अक्टूबर में बढ़ा कर दस कर दिया गया। मगर अब तक इस सिफारिश के लिए छात्रों को चुनने की सांसदों को पूरी छूट होती थी।

 

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