नोटबंदी के बाद भले ही सरकार ने बैंकों से शादी वाले परिवारों के लिए ढाई लाख रुपये निकालने की छूट दी हो लेकिन इससे शादी के घरों की दिक्कतें दूर नहीं हुई है। अब लड़के वाले कम दहेज मिलने की आशंका में रिश्ता वापस ले रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली की रहने वाली शिखा का शादी का सपना टूट गया है।
बुधवार को नोटबंदी के बाद पैसे की कमी होने की वजह से शिखा की 8 महीने पहले तय हुई शादी टूट गई। जगतपुरी की रहने वाली 22 साल की शिखा की 8 महीने पहले नोएडा के रहने वाले कुनाल से सगाई हुई थी। दोनों की 25 नवंबर को शादी होने वाली थी। इसी बीच शिखा के परिवार वालों से लड़के के घरवालों ने एक गाड़ी, हीरे की जूलरी और कैश की मांग कर डाली। उन्हें शंका हो गई कि नोटबंदी का बहाना देकर लड़की के परिजन दहेज से मुकर ना जाएं। लिहाजा उन्होंने मांग की। लेकिन लड़की के परिवार वाले नोटबंदी की वजह से उनकी मांग पूरा नहीं कर सके।
इसी वजह से शादी बारात आने के दो दिन पहले ही टूट गई। लड़कों वालों ने साफ कहा कि दहेज की कमी के कारण वे इस शादी को तोड़ रहे हैं। कुणाल और शिखा की सगाई आठ महीने पहले हुई थी, लेकिन नोट बैन होने के कारण हुई पैसों की तंगी ने इस रिश्ते को तोड़ दिया। उनकी शादी 25 नवंबर को होने वाली थी।
लड़की के चाचा तिलक राज सिंह ने बताया कि लड़के के परिजन महंगी कार, हीरे की ज्वैलरी और कैश की मांग कर रहे थे। 500 और 1000 रुपए के नोट बैन हो जाने के बाद में हम कैश नहीं निकाल पा रहे थे, लिहाजा हम उनकी मांगों को पूरा नहीं कर सके।