नए नियमों के मुताबिक सीआईएसएफ के जवानों को अब ड्यूटी करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। विमानन सुरक्षा मुख्यालय ने देश के 59 नागरिक हवाई अड्डों की सुरक्षा में तैनात अपने जवान व अधिकारियों के लिए इस तरह के निर्देश जारी किए हैं। इसमें कुछ हवाई अड्डे संवेदनशील व कुछ अति संवेदनशल श्रेणी में आते हैं।
सीआईएसएफ के सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में जवानों के मादक पदार्थों और सोने की तस्करी के मामलों में कथित संलिप्तता की शिकायतें मिली हैं जिसके चलते यह कदम उठाया गया है। वैसे मोबाइल के इस्तेमाल पर तो पहले से पाबंदी है लेकिन इस पर सख्ती बरतते हुए इसे पूरी तरह बैन किया गया है। इसके साथ ही टायलेट को लेकर भी सख्ती बरती गई है। देखा गया है कि टायलेट के नाम पर जवानों की खासी आवाजाही रहती है और इससे शिकायतों को बल मिलता है। इसके साथ ही जिन जवानों की ड्यटी हाई सिक्योरिटी जोन में नहीं है, उनके भी वहां गैर जरूरी तौर पर जाने पर पाबंदी लगाई गई है। अगर कोई संदिग्ध भूमिका में पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि इसी साल एक अप्रैल से दिल्ली और मुंबई सहित देश के सात महत्वपूर्ण हवाईअड्डों पर एक अप्रैल से यात्रियों के हैंडबैग पर मुहर या टैग लगाने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद के हवाई अड्डे शामिल हैं। इस नियम के पीछे सीआईएसएफ का तर्क है कि यह कदम यात्रियों के अनुभवों को सुखद बनाएगा और उन्हें सरल सुरक्षा वातावरण मुहैया कराएगा। अर्धसैनिक बल देश भर के 59 हवाईअड्डों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई प्रणाली को अपनाकर सुरक्षा तंत्र को उन्नत करने के उपाय किए जा रहे हैं।