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नए नोट में वाम से दक्षिणमुखी हुए बापू

500 और 1000 रुपए की नोटबंदी के बाद छपे नए नोटों में राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के देखने की दिशा में बदलाव हुआ है। पुराने नोटों में बापू जहां वाम दिशा की ओर देख रहे हैं वहीं नए नोटों में बापू की नजर दक्षिण दिशा की ओर है। यह कहा जा सकता है कि नए नोटों में बापू वाम से दक्षिणमुखी हो गए हैं।
नए नोट में वाम से दक्षिणमुखी हुए बापू

नए नोटों मेंं और परिवर्तन किए गए हैं। पुराने नोटों से तुलना करने पर पता चलता है कि नए नाेट बिना किसी कॉन्सेेप्‍ट के बनेे हुुए लगतेे हैंं। नोट पर आपको कई ऐसी संरचना मिल जाएंगी जिनका आपस में कोई संबंध नहीं है।

नोट पर महात्मा गांधी, चन्द्रयान, स्वच्छ भारत लोगो, हाथी, कमल, मोर का पैटर्न और भी कई चीजें हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि नोट को छापने से पहले यह नहीं सोचा गया कि आखिर किन चीजों को और क्यों रखा जाए? इनका आपस में क्‍या तारतम्‍य है।

राष्ट्रीय पशु शेर है लेकिन इसे जगह नहीं दी गई है बल्कि हाथी को स्‍थान दिया गया है। जबकि हाथी हमारा राष्‍ट्रीय पशु नहीं है। 

नोट को डिजाइन करने में एक सी प्रक्रिया का फॉलो नहीं किया गया है। 2000 के नए नोट को न तो आप आधुनिक कह सकते हैं न ही पुराने समय का। पुराने नोटों में एक समायोजन दिखता था। 2000 के नए नोट में इसकी साफ कमी है। इसे लोग चूरन का नोट कहकर तंज भी कस रहे हैं।

 

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