उन्होंने नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्टाइक बताने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यदि सरकार वास्तव में बेहिसाबी धन के खिलाफ कदम उठाना चाहती है तो अच्छा होता कि वह इसकी शुरआत राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाकर करती।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: सरकार में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य तथा वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विजिटिंग प्रोफेसर ड्रेज ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में कहा कि भाजपा सत्ता में है और वह भ्रष्टाचार की दुश्मन है। ऐसे में उसे अपने खातों का खुलासा कर उदाहरण पेश करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जहां तक नोटबंदी का सवाल है तो इस संकट से वंचित तबके विशेषरूप से दिहाड़ी मजदूरों पर काफी बुरा असर पड़ेगा। ड्रेज ने कहा, नोटबंदी का प्रभाव कहीं अधिक बुरा तथा सरकार के अनुमान से ज्यादा समय तक रहेगा। अनौपचारिक क्षेत्र में लघु अवधि के बदलाव आधिकारिक आंकड़ों के रडार के बाहर रहते हैं।
बेल्जियम में जन्मे ड्रेज ने कहा कि निजी क्षेत्रा की आर्थिक वृद्धि काफी हद तक ठहर जाएगी। इस व्यापक गिरावट से बाहर निकलने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि नकदीरहित भुगतान के कुछ लाभ हैं लेकिन अर्थव्यवस्था को ढहाने के जोखिम की शर्त पर लोगों पर इसके लिए दबाव डालना इसे प्रोत्साहित करने का अच्छा तरीका नहीं है। भाषा
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    