कीर्ति आजाद ने जेटली पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीडीसीए में घोटाले के समय जेटली ही अध्यक्ष थे। घोटाला एक रुपये का हो या एक करोड़ रुपये का। घपला तो हुआ, यह बात अब साबित हो गई है। कीर्ति ने जेटली सहित घोटाले में शामिल सभी लोगों को तिहाड़ जेल भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि जेटली अपने आप को नॉन एडजेक्टिव डायरेक्टर कह कर नहीं बच सकते।
सीबीआई पर ‘सुस्त’ जांच करने के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं मालूम कि पिजड़े में बंद तोता कब बाहर आएगा, अपने पंख फड़फड़ाएगा। लगता है कि वह तब काम करना शुरू करेगा, जब अदालत कार्रवाई करेगी’।
उन्होंने आरोप लगाए कि न्यायमूर्ति मुद्गल को फर्जी बिल दिए गए और कहा कि डीडीसीए प्रबंधन कितना ‘बेशर्म’ हो चुका है उन्होंने दावा किया कि 1982 के बाद से पहली बार मैच के दौरान निकाय को लाभ हुआ था।
उन्होंने दावा किया कि एक अज्ञात व्यक्ति परेश राउत ने डीडीसीए के सभी पदाधिकारियों को मेल भेजकर निर्देश दिया कि एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करें। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि किस तरह से डीडीसीए चल रहा है।
कीर्ति ने बयान में कहा, ‘एक बाहरी व्यक्ति (जिसने डीडीसीए को बर्बाद कर दिया है) द्वारा प्रचार करने से सुनिश्चित हुआ कि 24 में से 15 निदेशकों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए, जबकि नौ निदेशकों ने साहस कर दबाव का विरोध किया और हस्ताक्षर करने से मना कर दिया’। एजेंसी