केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण कैट की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ ने केंद्रीय मंत्री नड्डा के एसीआर लिखने संबंधी आदेशों पर रोक लगाते हुए उनके और एम्स निदेशक के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए संजीव चतुर्वेदी को अनुमति दे दी है। इसके चलते नड्डा की मुश्किले बढ़ सकती है। गौर हो कि अवमानना का आरोप सिद्ध होने पर सजा का प्रावधान भी है।
कैट ने एम्स के उस नए ऑर्डर पर रोक लगा दी है, जिसके तहत संजीव की 2014-15 की एसीआर लिखने के लिए स्वास्थ्य मंत्री और एम्स के तत्कालीन डायरेक्टर को अधिकृत किया गया था। कैट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कैबिनेट सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, हेल्थ मिनिस्टर, एम्स के तत्कालीन डायरेक्टर डॉक्टर एम. सी. मिश्रा को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
इस मामले की शुरुआत जेपी नड्डा के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने के साथ हुई। नड्डा ने 9 नवंबर 2014 को स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार गृहण किया। इसके बाद दिसंबर-14 में उनके एम्स का अध्यक्ष बनने की अधिसूचना जारी हुई। अध्यक्ष बनने के बाद नड्डा ने मई 15 में आईएफएस संजीव की एसीआर लिखने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद चतुर्वेदी ने इसका विरोध किया।