डीडीसीए मामले में अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपी आप नेताओं ने कोर्ट द्वारा तय किए गए आरोपों का का खंडन किया और इस मामले में ट्रायल की मांग की।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर डीडीसीए में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जेटली साल 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे। 13 साल तक जेटली इस पद का कर्यभार संभाला था। इन आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा किया। इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है।
डीडीसीए में कथित अनियमितता और वित्तीय गड़बड़ी को लेकर केजरीवाल एवं 'आप' के अन्य नेताओं द्वारा खुद पर प्रहार किए जाने के मद्देनजर जेटली ने यह कदम उठाया है।
जेटली ने अपने परिवार के लोगों के खिलाफ आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा, मेरा ऐसा कोई पारिवारिक सदस्य नहीं है, जिसका कभी भी किसी भी तरह के कामकाज में एक पैसे की भी रुचि रही हो। खेल प्रबंधन के काम काज में मेरे परिवार का क्यों हिस्सा होना चाहिए?
जेटली ने केजरीवाल और 'आप' के अन्य नेताओं को कोई कानूनी नोटिस न देने के बजाय सीधे ही अदालतों में मामले दायर किए जाने का विकल्प चुना था।