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रेलवे के 'अच्‍छे दिन', किराया बढ़ाने के बाद भी 6 माह में 4000 करोड़ का नुकसान

केंद्र की मोदी सरकार और उसके सक्रिय रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवेे को फायदा नहीं पहुंचा पा रहे हैं। रेलवे को तरक्‍की पर लाना तो दूर की बात प्रभुु के कार्यकाल में रेलवे की वित्तीय हालत लगातार खराब हो रही है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालेंंगे तो आपको आश्‍चर्यजनक परिणाम मिलेंंगे। हाल ही में रेलवे में किराया भी बढ़ा है इसके बाद भी रेलवे को नुकसान हुआ है।
रेलवे के 'अच्‍छे दिन', किराया बढ़ाने के बाद भी 6 माह में 4000 करोड़ का नुकसान

 

आंकड़ों के मुताबिक भारतीय रेलवे को छह महीने के भीतर 4000 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ है। जिससे मंत्रालय के अफसर खासे परेशान हैं।  

रेल मंत्रालय के अधिकारियों को पीएम मोदी का चाबुक चलने का डर सता रहा है। सूत्रों के अनुसार अनुमान है कि इस भारी घाटे की भरपाई के लिए रेलवे पैसेंजर किराये के सिस्टम में फेरबदल कर सकता है। यह घाटा तब हो रहा है जबकि कुछ खास ट्रेनों में सर्ज प्राइजिंग सिस्‍टम लागू है। इसके लागू होने के बाद से भी आय में कमी जारी है। यह नुकसान एक अप्रैल से 10 अक्टूबर के बीच का है।

पिछले वित्‍तीय वर्ष एक अप्रैल से 10 अक्टूबर के बीच भारतीय रेलवे की कुल आमदनी 84 हजार 747 करोड़ रुपये रही। मगर इस साल इसी अवधि में आय कम हो कर 80 हजार 893 करोड़ रह गई। मतलब  महज छह महीने में रेलवे को तकरीबन 3853 करोड़ की चपत लगी। खास बात है कि एक अक्टूबर से दस अक्टूबर के बीच महज दस दिन में ही सवा दो करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

इसी वर्ष से भारतीय रेलवे ने कर्मचारियों को नए वेतनमान की घोषणा की है। ऐसे में जिस तरह से सात महीने के भीतर चार हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, उससे मंत्रालय के अधिकारियों का परेशान होना स्‍वा‍भाविक है।

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