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आेलंपिक : इकोनाेमी क्‍लास में 36 घंटे की उड़ान, पैर भी नहीं फैला पाई दुती चंद

आेलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में देश का प्रतिनिधित्‍व करने वाली धाविका दुती चंद दुती चंद ने कहा है कि उन्‍हें विमान के इकोनोमी क्‍लास में रियो तक की यात्रा के दौरान काफी परेशानी हुई।
आेलंपिक : इकोनाेमी क्‍लास में 36 घंटे की उड़ान, पैर भी नहीं फैला पाई दुती चंद

धाविका ने ओडिशा के एक चैनल कनक न्‍यूज से बातचीत में कहा कि यात्रा के दौरान उन्‍हें ऐसी सीट दी गई, जिसमें वह सही ढंग से पैर भी नहीं फैला सकीं। उन्‍हें उचित आराम नहीं मिला। यात्रा के दौरान वह सही ढंग से सो भी नहीं पाईं। उन्‍होंने कहा कि ओलंपिक जैसे महाकुंभ में भाग लेेने वाले खिलाड़ियाें के साथ ऐसी लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।

दुतीचंद ने कहा कि मैं हैदराबाद से विमान में बैठी, इस दौरान कोच भी मेरे साथ नहीं थे। मैं सफर के दौरान अकेली ही रही। उनके अनुसार देश का प्रतिनिधित्‍व करने वालेे खिलाड़ियों को आरामदायक माहौल नहीं मिलेगा तो ऐसे में उनसे खेलों में बेहतर प्रदर्शन की उम्‍मीद कैसे की जा सकती है। 

उल्‍लेखनीय है कि ओलंपिक के किसी भी वर्ग में भाग लेने वाले खिलाड़ियाें को आयोजक देश में जाने के लिए सरकार की तरफ से विमान में इकोनोमी क्‍लास की ही टिकट दी जाती है। खिलाड़ियों के लिए सरकार के पास क्‍या इतनी भी रकम नहीं हैै कि कम से कम उन्‍हें बिजनेस क्‍लास में आरामदायक सफर दिलाया जा सके। ताकि वो बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकें।

दुती चंद ने इकोनोमी क्‍लास में होने वाली परेशानी को सार्वजनिक कर एक तरह से सरकारी अधिकारियों को संकेत दे दिए हैंं कि खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर पहले गंभीर होना होगा। तभी उनसे पदकों की उम्‍मीद करनी होगी।

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