सूत्रों के मुताबिक, अब तय किया गया है कि बुक फेयर का आयोजन नैशनल बुक ट्रस्ट ही करेगा। कुछ दिन पहले इस संबंध में जावड़ेकर और नैशनल बुक ट्रस्ट चेयरमैन की कुछ अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस दौरान जावड़ेकर ने कहा कि बुक फेयर का आयोजन आउटसोर्स नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक में भी कुछ अधिकारी लगातार आउटसोर्स करने के पक्ष में बात कर रहे थे।
हर साल होने वाले बुक फेयर का आयोजन नैशनल बुक ट्रस्ट कराता रहा है। लेकिन इस बार इसका आयोजन आउटसोर्स करने की योजना थी। मंत्रालय ने इसके आयोजन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को देने की तैयारी कर ली थी। एजेंसी का नाम भी अपने ही स्तर पर तय कर लिया गया था।
बुक ट्रस्ट से यह कहा गया कि प्रस्तावित आयोजन का प्रेजेंटेशन और पिछले बुक फेयर के विडियो क्लिपिंग इस एजेंसी को भेजे जाएं। आउटसोर्सिंग की कोशिश का बुक ट्रस्ट प्रशासन ने विरोध किया। बुक ट्रस्ट ने यह बात उठाई थी कि अगर किसी को आउटसोर्स करना ही है तो टेंडर प्रक्रिया के जरिए एजेंसी का चयन होना चाहिए। मंत्रालय अपने स्तर पर कैसे किसी एजेंसी का चयन कर सकती है। इसी वजह से अब मंत्रालय ने इस फैसले को पलटा है।