पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में अख्तर ने खुलासा किया कि पाकिस्तान उच्चायोग के 16 अन्य कर्मचारी सेना और बीएसएफ की तैनाती के बारे गुप्त सूचना एकत्र करने वाले जासूसों के संपर्क में थे। गौरतलब है कि भारत सरकार ने जासूसी के आरोप में पकड़े गए अख्तर को देश से निष्कासित कर दिया है।
अधिकारी ने बताया कि अभी मामले की आगे जांच की जा रही है और अगर यह सच पाया जाता है तो आगे की कार्रवाई के लिए विदेश मंत्रालय को लिखा जाएगा। गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच की टीमें अख्तर को गुप्त सूचना देने वाले लोगों को पकड़ने के लिए राजस्थान के कई हिस्सों में दबिश दे रही हैं। सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच की दो टीमें अभी जासूसी रैकिट में शामिल मौलाना रमजान, सुभाष जागिड़ और शोएब के साथ राजस्थान में हैं। क्राइम ब्रांच इन जासूसों को गुप्त जानकारी लीक करने वाले लोगों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि संभावना है कि कुछ रिटायर अधिकारी इन जासूसों के संपर्क में हों। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद मुनव्वर सलीम के पीए फरहत खान को जासूसी रैकिट में शामिल होने आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तानी उच्चायोग का एक कर्मचारी 26 अक्टूबर को गुप्त दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया था। अख्तर के साथ राजस्थान के नागौर निवासी रमजान और जांगिड़ भी पकड़े गए थे। अन्य आरोपी शोएब को जोधपुर में हिरासत में लिया गया था और पुलिस उसे दिल्ली लेकर आयी थी, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।