अमिताभ कुंडू और पी.सी. मोहननः
हालिया जनगणना संबंधी जारी आंकड़ों (टेबल 1) के मुताबिक, भारत में प्रवासी आबादी का प्रतिशत 2001 के 30.1 फीसदी से बढ़कर 2011 में 37.64 फीसदी हो गया है। पलायन की वृद्धि दर 1991-01 के 35 फीसदी से बढ़कर 2001-11 के दौरान 45 फीसदी हो गई। यह वृद्धि पुरुषों और महिलाओं के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय रूप से देखने को मिलती है। रेलवे टिकट और आयु आधारित आंकड़ों और 2018 के इकोनॉमिक सर्वे में जारी ट्रेंड के अनुसार भी पलायन में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
टेबल 1: दशकीय जनगणना के मुताबिक प्रवासियों का प्रतिशत
|
2001 |
2011 |
कुल |
30.1 |
37.5 |
पुरुष |
17.0 |
22.6 |
महिला |
44.1 |
53.2 |
आंकड़ों में गंभीर विसंगतियों का पता उस वक्त चला, जब गणना के समय प्रवास के दौरान पलायन आबादी को शामिल नहीं किया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार, डिकैडल माइग्रेशन (यानी वैसे प्रवासी जिन्होंने गणना के समय 10 साल से कम समय तक निवास किया हो) की वृद्धि दर बाकी प्रवासियों की तुलना में कम है।
प्रवासियों की कुल आबादी में एक बड़ा हिस्सा वह है, जिनकी रहने की अवधि का पता नहीं लगाया गया है या नहीं लगाया जा सका है। उनकी हिस्सेदारी 14 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है। 2001-11 के दौरान कुल प्रवासियों की 45 फीसदी की वृद्धि दर की तुलना में उनकी वृद्धि दर 60 फीसदी है।
हैरानी की असली वजह यह है कि 2001-11 के दौरान 10 साल से अधिक अवधि तक के लिए पुरुषों के पलायन की वृद्धि दर 67 फीसदी है, जबकि 10 साल से कम अवधि के लिए पलायन की 57 फीसदी है। इसके अलावा, यदि बाद के दशक में पलायन दर काफी बढ़ी है, तो डिकैडल माइग्रेशन में पुरुषों की पलायन दर 2001 और 2011 (तालिका 3) में 36 फीसदी से घटकर 32 फीसदी कैसे हो सकती है। और, कुल आबादी 31.2 फीसदी कैसे रह सकती है?
टेबल 3: 1981 से 2011 के दौरान गणना के समय लैंगिक और आवासीय अवधि के हिसाब से आंतरिक प्रवासी
प्रवासी |
2001 |
2011 |
||
|
पुरुष |
महिला |
पुरुष |
पुरुष |
10 साल से कम |
35.8 |
29.8 |
32.5 |
30.5 |
38.1 |
60.3 |
41.8 |
58.1 |
|
अवधि का जिक्र नहीं |
26.1 |
9.9 |
25.7 |
11.4
|
सवाल यह है कि यदि 2001-11 के दशक में पलायन बढ़ गया है, तो दस साल से अधिक अवधि वाले प्रवासियों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि कैसे हो सकती है। इसकी एकमात्र तार्किक व्याख्या यह है कि डिकैडल प्रवासियों में से कई ने गंतव्य पर रहने की अपनी अवधि को 10 वर्षों से अधिक दर्ज किया है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2001 में 10 साल से कम रहने की अवधि की सूचना देने वालों को ही 10 और 20 साल की अवधि वाले प्रवासियों के रूप में गिना जाएगा। बशर्ते उनकी मृत्यु न हुई हो या मूल स्थान पर लौट गए हों या कहीं और चले गए हों। ऐसे में हर किसी को लगेगा कि मौत या घर वापसी की वजह से 2001 की तुलना में 2011 में प्रवासियों के आंकड़े उल्लेखनीय रूप से कम होंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि 2011 में 10 से 20 साल की अवधि वाली महिलाओं की संख्या 6.87 करोड़ है, जो कि 2001 में 10 साल से कम अवधि तक की प्रवास वाली महिलाओं (6.54 करोड़) की तुलना में काफी अधिक है। यह तार्किक रूप से असंभव है (टेबल-4)।
टेबल 4: प्रवासियों के आंकड़े
प्रवासियों का उम्र वर्ग |
कुल |
पुरुष |
महिला |
2001 में 10 साल से कम वाले प्रवासी |
98301342 |
32896986 |
65404356 |
2011 में 10-19 वर्ष वाले प्रवासी |
94713188 |
25979400 |
68733788 |
2001 के 0 से 9 की तुलना में 2011 में 10-19 वर्ष वाले प्रवासियों का प्रतिशत |
96.35 |
78.97 |
105.09 |
इसे सिर्फ गणना के समय एक दशक से अधिक समय तक रहने का दावा करने वाले डिकैडल माइग्रेंट के संदर्भ में ही समझाया जा सकता है। यह समझा जा सकता है कि मौजूदा नीतिगत माहौल में वे सामाजिक विद्वेष और शत्रुता की आड़ में निकलना चाहते हैं, जिसका कम अवधि वाले प्रवासी सामना करते हैं।
इसके अलावा, वे कुछ नागरिक सुविधाओं और कानूनी लाभों तक पहुंच के इच्छुक हो सकते हैं, जो उनके ठहरने की अवधि से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि हाल के दशकों में प्रवासियों के उनके प्रवास की अवधि को रिपोर्ट नहीं करने का प्रतिशत तेजी से बढ़ा है। प्रवासन पर अवधि विशिष्ट डेटा की गैर-तुलनीयता किसी भी अस्थायी विश्लेषण या अनुमान में उनकी उपयोगिता पर सवाल उठाएगी।
टेबल2: 2001 से 2011 के दौरान प्रवासियों के प्रतिशत में बदलाव
अवधि |
कुल |
पुरुष |
महिला |
10 साल से कम |
52.56 |
56.81 |
50.64 |
10-19 वर्ष |
36.33 |
55.27 |
30.33 |
20 वर्ष या अधिक |
44.84 |
76.84 |
37.01 |
10 साल से अधिक अवधि वाले प्रवासी |
41.38 |
66.98 |
34.38 |
अवधि का जिक्र नहीं |
59.26 |
57.20 |
61.51 |
कुल |
44.91 |
56.54 |
40.00 |