जम्मू और कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमले की तर्ज पर गुरुवार की सुबह कश्मीर के लानगेट इलाके में 30 राष्ट्रीय राइफल की छावनी पर पाकिस्तान समर्थित कुछ आतंकियों ने हमला किया। लेकिन आतंकियों की इस कोशिश को व्यर्थ कर दिया गया। खुफिया एजेंसियों ने जब से पाक अधिकृत कश्मीर में नए आतंकी शिविरों की जानकारी निकाली है, तब से आतंकियों द्वारा ऐसी कोशिश की आशंका की जा रही थी। गुरुवार को सेना के शिविर पर हमला करने वाले आतंकियों में से तीन को मार गिराया गया। उनके पास से एके 47 राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर, जीपीएस, रेडियो, मानचित्र, भोजन सामग्री और दवाएं बरामद की गईं।
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट एक दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में रखी थी। उसके बाद कश्मीर में हमलों की आशंका को लेकर सेना को हाई-अलर्ट पर रखा गया था। दरअसल, भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी फौज और आईएसआई ने आतंकियों की मदद करनी बढ़ा दी है। पाकिस्तानी फौज ने सीमा पर जमावड़ा बढ़ाया है, जिनकी कोशिश एलओसी पर फायरिंग कर आतंकियों की घुसपैठ कराना है। भारतीय खुफिया एजेंसी सूत्रों के अनुसार, बीते छह दिनों में घुसपैठ की आठ कोशिशें नाकाम कर दी गई है।
तीन तरह के शिविर नए सिरे से एलओसी के पार पांच से 25 किलोमीटर के भीतर बनाए गए हैं। आतंकियों की भर्ती, प्रशिक्षण और लॉन्च पैच के तौर पर शिविरों को तीन श्रेणियों में बांच रखा गया है। इन शिविरों में लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश ए मोहम्मद, हुजी और अल बद्र के आतंकियों को रखा गया है, जिन्हें आईएसआई, पाकिस्तानी सेना के अफसर प्रशिक्षित कर रहे हैं और उन्हें हथियार एवं साजो-सामान उपलब्ध करा रहे हैं।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद से सटे जंगलों में सबसे बड़ा शिविर चलाया जा रहा है, जो 25 अन्य शिविरों के लिए फीडर पोस्ट की तरह काम कर रहा है। इसके अलावा कोटली में तीन, सेनसा में चार, निकियाल में पांच, सामानी में छह, भीमबार में सात, मंगला में आठ, मानशेरा में नौ, नौकट- लिपा में 10, दूधनियाल में 11, केल में 12, नीलम पहाड़ी पर 13, पुटवाल में 14, सियालकोट में 15, और मुरडाइक में लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय चलाया जा रहा है।