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भारत में खाद्य सुरक्षा मुद्दे की अनदेखी की गई : संसदीय समिति

संसद की एक समिति ने स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि वह देश के खाद्य सुरक्षा नियामक एफ.एस.एस.ए.आई के कोष के खर्च न हो पाने की चलन रोके और एक समयबद्ध तरीके से खाद्य परीक्षण प्रणाली की मजबूती सुनिश्चित करे।
भारत में खाद्य सुरक्षा मुद्दे की अनदेखी की गई : संसदीय समिति

इसने कहा है कि भारत में खाद्य सुरक्षा एवं मानकीकरण एक अनदेखी वाला क्षेत्र रहा है और स्वास्थ्य विभाग :जिसके तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण आता है: को इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

सचल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के पर्याप्त प्रावधान की आवश्यकता पर जोर देते हुए समिति ने यह सिफारिश भी की है कि सभी खाद्य वस्तुओं के परीक्षण के परिणामों के विज्ञापन अखबारों तथा सोशल मीडिया पर दिए जाने चाहिए जिससे कि लोग जागरूक हो सकें।

वर्ष 2017-18 के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय संबंधी अनुदान मांग संसदीय समिति ने उल्लेख किया कि 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में कोष के इस्तेमाल न हो पाने का लगातार चलन रहा है।

राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव की अध्यक्षता वाली समिति अपेक्षा करती है कि विभाग बजटीय कोष के इस्तेमाल में खामियों को दूर करे और सुनिश्चित करे कि खाद्य परीक्षण प्रणालियों तथा प्रयोगशालाओं की मजबूती समयबद्ध तरीके से हो।

समिति ने कहा कि एफ.एस.एस.ए.आई की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी तथा मानव सेवन के लिए खाद्य वस्तुओं की सुरक्षा, नियमन, विनिर्माण, प्रसंस्करण, वितरण, बिक्री और आयात का स्तर भारत में एक नीरस तस्वीर दिखाता है।

इसने उल्लेख किया कि विकास गतिविधियों और पहलों में धीमी प्रगति से खाद्य वस्तुओं की सुरक्षा और मानकीकरण के संदर्भ में किए जा रहे काम की गुणवत्ता प्रभावित होगी। भाषा

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