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मंत्रालय जासूसी मामलाः दो और गिरफ्तारियां

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से गोपनीय सरकारी दस्तावेज लीक करने के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया।
मंत्रालय जासूसी मामलाः दो और गिरफ्तारियां

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से गोपनीय सरकारी दस्तावेज लीक करने के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया। आज गिरफ्तार होने वालों में तेल एवं गैस की परामर्शक कंपनी मेटिस इंडिया के सीईओ प्रयास जैन तथा इंडियन पेट्रो के प्रमुख शांतनु सैकिया शामिल हैं। इन सभी सात ‌लोगों से पूछताछ जारी है।

इससे पहले गिरफ्तार हुए लोगों में मंत्रालय कर्मचारी आसाराम और क्लर्क ईश्वर सिंह शामिल हैं। आशाराम के बेटे ललिता प्रसाद और राकेश के अलावा राजकुमार चौबे को भी पकड़ा गया है। सभी से चाणक्यपुरी स्थित अंतरराज्यीय शाखा में पूछताछ की जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जैन और सैकिया पर संदेह है कि दोनों मंत्रालय के कर्मचारियों से सांठगांठ कर गोपनीय दस्तावेज प्राप्त करते थे। पूछताछ में यह भी पता चला है कि दोनों ने पेट्रोलियम और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी पांच-छह बड़ी कंपनियों को ये दस्तावेज बेचे हैं। इन कंपनियों से जुड़े अधिकारियों के घरों और दफ्तरों पर छापे मारे जा रहे हैं। बताया जाता है कि दस्तावेज जितना गोपनीय होता था, उसकी कीमत भी उतनी ही ज्यादा होती थी। दस्तावेज खरीदने वाली कंपनियों में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज भी है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक कर्मचारी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। कंपनी ने अंदरूनी जांच शुरू करने की बात कही है। पकड़े गए लोगों के पास काफी तादाद में मंत्रालय से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज मिले। यह पता लगाया जा रहा है कि किस कंपनी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी। कमिश्नर ने आशंका जताई कि यह गोरखधंधा वर्षों से जारी था। पुलिस ने बताया कि खुफिया सूचना मिलने पर शास्त्री भवन में ट्रैप लगाकर तीन लोगों को पकड़ा गया। इन लोगों ने फर्जी आईडी बनवा रखी थीं।

दफ्तर बंद होने के बाद ये फर्जी आईडी और डुप्लीकेट चाबियों की मदद से अंदर घुस जाते थे और डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी कर लेते थे। सूत्रों के मुताबिक कंसल्टेंसी के लिए प्रतिमाह 25 हजार रुपये से 50 हजार रुपये का भुगतान किया जाता था।

एनडीए सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे नितिन गडकरी के घर में भी बातचीत सुनने के उपकरण मिलने की खबरें आई थीं, हालांकि गडकरी ने इससे इनकार किया था।

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