दरअसल, ऐसा पहली बार हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने आर्मी और पुलिस की ओर से हुए एनकाउंटर की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। सीबीआई मामले की जांच जनवरी 2018 से शुरू करेगी।
इससे पहले आर्मी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 62 में से 30 मामलों की जांच की जा चुकी है और बाकी की जांच होने की जरूरत नहीं है। लेकिन कोर्ट ने आर्मी की बात के विपरीत जाते हुए गंभीर जांच के आदेश दे दिए हैं। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई के निदेशक से मामले की जांच के लिए दो सप्ताह के भीतर टीम गठित करने को कहा।
SC orders CBI probe into 62 cases of extra judicial killings in Manipur. CBI will have to submit investigation compliance report by Jan 2018
— ANI (@ANI_news) July 14, 2017
गौरतलब है कि इस वर्ष अप्रैल में सेना ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मणिपुर में अपने कर्मियों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों में स्थानीय कारकों के कारण की गई न्यायिक जांच ‘पक्षपाती’ और एकतरफा थी।
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 1979 से 2012 के बीच उग्रवाद और हिंसा में करीब 1500 लोग मारे गए थे, जिनमें से कई लोगों के बारे में कहा जाता है कि सुरक्षा बलों ने उन्हें फर्जी मुठभेड़ों में कथित रूप पर मौत के घाट उतार दिया था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए लोगों के परिजनों से कहा था कि वो उनकी मौत से जुड़े सबूत तय करें। मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि साल 1979 से लेकर 2012 तक करीब 1,528 लोग मणिपुर में फर्जी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, जिसमें 98 नाबालिग और 31 औरतें भी शामिल हैं।