उल्लेखनीय है कि देश में राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दलित समाज के मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करती है। बाद में इस राशि को केंद्र सरकार के समाज कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्य को वापस कर दिया जाता है। लेकिन काफी समय से केंद्र की तरफ से इस राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यही राशि बढ़कर 8000 करोड़ हो गई है।
एक अंग्रजी अखबार ने इस बाबत केंद्रीय मंत्री थावर चंद्र गहलोत के हवाले से लिखा है कि सरकार इस बारे में गंभीरता से विचार कर सभी मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया है कि सरकार ने सभी राज्यों को इस बाबत अपने सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए कहा है। साथ ही केंद्र ने राज्य सरकारों को सभी छात्रों के अकाउंट में यह रकम डायरेक्ट बेनेफिट स्किम डीबीटी के तहत डालने को कहा है।
गहलोत ने बताया कि सरकार विभिन्न शिक्षण संस्थानों में फीस की असमानता को खत्म करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। इस मुद्दे पर सरकार की और से वित्त मंत्रालय और समाज कल्याण मंत्रालय के बीच बैठक भी हुई है, जिसमें कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई थी। उनके मुताबिक इसके लिए सरकार ने बजट में 6500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जिसमें से करीब 4667 करोड़ की राशि सितंबर तक राज्यों को भेजी जा चुकी है।