न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की खंडपीठ ने कहा कि सिन्हा द्वारा अधिकार का दुरुपयोग के मामले की जांच के लिये पहली नजर में निश्चित ही मामला बनता है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई के मौजूदा निदेशक विशेष जांच दल का नेतृत्व करेंगे जो शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट का अवलोकन करेगी। न्यायालय ने जांच ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक एम एल शर्मा की अध्यक्षता में यह समिति गठित की थी जिसने इस मामले में सिन्हा को पहली नजर में दोषी पाया है।
पीठ ने अपने चार पृष्ठ के आदेश में कहा कि हमने इस बारे में विचार किया कि क्या जांच के लिये किसी बाहरी संस्था को विशेष जांच दल के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। हालांकि, हमारा विचार है चूंकि ब्यूरो के मुखिया बदल गये हैं, इसलिए हम सीबीआई में अपना विश्वास व्यक्त करते हैं कि एम एल शर्मा की रिपोर्ट और अन्य संबंधित दस्तावेजों पर गौर करते हुये वह कोयला घोटाले के मामलों की जांच को प्रभावित करने के लिये रंजीत सिन्हा द्वारा पहली नजर में पद के दुरुपयोग के आरोपों की विशेष जांच दल के रूप में जांच करेगी।
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने याचिकाकर्ता द्वारा लगाये गये आरोपों के गुणदोष अथवा शर्मा समिति की रिपोर्ट के तथ्यों पर किसी भी प्रकार की राय व्यक्त नहीं की है। भाषा