उल्लेखनीय है कि बिहार चुनावों के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी नाम है। ऐसे में व्यापमं महाघोटाले का आरोप झेल रहे चौहान द्वारा बिहार विधान चुनाव में प्रचार के लिए उतारे जाने पर पूरा विपक्षश उन पर हावी हो सकता है। गुरुवार को सीबीआई ने व्यापमं मामले में एक साथ सुबह 8.30 बजे बड़ी कार्रवाई करते हुए छापे मारे। इसमें मध्यप्रदेश के पूर्वमंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के सिरोंज स्थित निवास, मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे स्व. शैलेश यादव के लखनऊ स्थित घर सहित जेल में बंद कई बड़े अभियुक्तों के घरों पर छापे पड़े हैं। सीबीआई ने व्यापमं दफ्तर में छापे मारकर अधिकारियों से पूछताछ भी की है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा का कहना है कि व्यापमं महाघोटाले को लेकर सीबीआई के एक साथ लगभग40 स्थानों पर की गई छापे की कार्यवाही, देर से उठाया गया उचित कदम है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सीबीआई व्यापम महाघोटाले से जुड़े बड़े चेहरों के निवासों सहित प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के उत्तर प्रदेश स्थित निवास और राजधानी भोपाल स्थित व्यापमं कार्यालय पर छापा डाल सकती है तो शिवराजसिंह चौहान का मुख्यमंत्री निवास अछूता क्यों है? उन्होंने सीबीआई से आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री निवास के सभी टेलीफोन, मुख्यमंत्री के नाम पर चल रहे बीएसएनएल के मोबाईल नं. 9425609855 और इसके साथ एक अन्य एडऑन नंबर 9425609866, जिसका उपयोग शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह द्वारा किया जाता था, जिसे 27 मार्च, 2014 को अचानक बंद करा दिया गया सहित मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा व जमानत पर रिहा उनके ओएसडी प्रेमप्रसाद के कॉल डिटेल्स और लोकेशन को भी जांच की परिधि में शामिल किया जाए।