जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज पर यूनिवर्सिटी की कुलपति नजमा अख्तर का कहना है कि पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस में बिना इजाजत के घुसी। इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि रविवार की हिंसा में बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ है, सवाल ये है कि इसकी भरपाई कैसे होगी। इसके साथ ही भावनात्मक तौर पर भी नुकसान हुआ है। रविवार को जो कुछ हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है, वो हर किसी से अपील करती हैं कि बहकावे में न आएं।
कुलपति के बयान के बाद दिल्ली पुलिस ने दी ये सफाई
जामिया हिंसा के बाद फैल रही अफवाहों और लग रहे आरापों पर दिल्ली पुलिस को अब प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई देनी पड़ी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से पीआरओ एमएस रंधावा मीडिया के सामने आए। उन्होंने विरोध प्रदर्शन में जामिया के छात्रों के साथ-साथ आसपास के लोगों के शामिल होने की बात कही। उन्होंने बताया कि पुलिस की तरफ से कोई गोली नहीं चली है न ही किसी की जान गई है। रंधावा ने बताया कि 13 दिसंबर से यह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। फिर 14 दिसंबर को भी प्रदर्शन हुआ लेकिन जब स्थिति पुलिस की कंट्रोल में थी। इसके बाद रविवार को 2 से 4 बजे के बीच प्रदर्शनकारी माता मंदिर मार्ग इलाके तक आ गए। फिर बसों में आग लगा दी गई। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को जामिया नगर की तरफ खदेड़ना शुरू किया।
अफवाहों से बचने की सलाह
रंधावा ने लोगों से अफवाहों पर यकीन नहीं करने करने को कहा। वह बोले कि छात्र चिंता न करें, किसी बहकावे में न आएं। ऐक्शन सिर्फ उन्हीं के खिलाफ लिया जाएगा जो गैरकानूनी काम में शामिल थे।
पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुसी, हम इसकी एफआईआर करेंगे
जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में रविवार को हुई हिंसा के मामले में कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुसी, हम इसकी एफआईआर करेंगे। आप संपत्ति दोबारा बना सकते हैं, लेकिन आप उन चीजों के लिए क्षतिपूर्ति नहीं कर सकते हैं, जो छात्रों ने झेला, हम उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।
पुलिस की कार्रवाई से यूनिवर्सिटी को बहुत नुकसान हुआ
कुलपति ने कहा, 'कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, पुलिस बिना पूछे कैंपस के अंदर आई, पुलिस ने बर्बरता के साथ छात्रों को डाराया। यूनिवर्सिटी में बिना इजाजत पुलिस की एंट्री बर्दाश्त नहीं। पुलिस की कार्रवाई से यूनिवर्सिटी को बहुत नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? इतना ही नहीं हमें इमोशनल नुकसान भी हुआ, इसका जिम्मेदार कौन है?'
हमारे किसी भी छात्र की मृत्यु नहीं हुई
कुलपति ने कहा, 'कैंपस में पुलिस के घुसने की एफआईआर करेंगे। हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी करेंगे। अफवाह है कि दो छात्रों की मृत्यु हो गई, हम इस बात से पूरी तरह इनकार करते हैं। हमारे किसी भी छात्र की मृत्यु नहीं हुई। लगभग 200 लोग घायल हुए जिनमें कई हमारे छात्र थे'। उन्होंने कहा कि जामिया को टारगेट और बदनाम ना करें, यह शांतपूर्ण और आंदोलन से निकली हुई यूनिवर्सिटी है। यहां देश के हर हिस्से आए बच्चे पढ़ते हैं और वो सुरक्षित हैं।'