लेकिन सवाल यह है कि गोस्वामी का फोन अवैध टेप कौन करा रहा था। नियमानुसार केंद्रीय गृह सचिव और राज्यों के गृह सचिव फोन टेप का आदेश कर सकते हैं। बिना गृह सचिव की अनुमति के ही फोन टेप हो रहा था और गोस्वामी को इसकी भनक तक नहीं लगी। सवाल यह उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार अपने अधिकारियों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि कोई भी सरकार हो, अधिकारियों के कामकाज में हस्तक्षेप करती ही हैं। लेकिन फोन टेप कराना अनधिकृत है।
शारदा घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है और इसमें कई दिग्गज नेताओं का नाम सामने आ चुका है। लेकिन सीबीआई जब मतंग सिंह को गिरफ्तार करने पहुंची तब सारा मामला सामने आया।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने जब मतंग सिंह कोे कोलकाता स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए तलब किया तो सिंह की निजी सहायक ख्याति सरदाना ने सीबीआई अधिकारियों को पुराने संबंधों का हवाला देकर हड़काया और कहा कि केंद्रीय गृह सचिव से उनकी जान-पहचान है, इसलिए मतंग सिंह को गिरफ्तार न किया जाए। जब सीबीआई अधिकारी गिरफ्तारी की बात पर अड़े रहे तब भी ख्याति सरदाना सीबीआई अधिकारियों पर दबाव बनाती रही। इस पर खीझकर अधिकारियों ने अनिल गोस्वामी से बात कराई। जैसे ही गोस्वामी ने मोबाइल उठाया। उधर से आवाज आई , मतंग सिंह बोल रहा हूं। इस बातचीत को रिकार्ड कर लिया गया और इसी आधार पर गोस्वामी को निशाना बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय में मामला पहुंचने के बाद तुरंत बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया। सरकार ने ग्रामीण विभाग के सचिव एलसी गोयल को नया गृह सचिव नियुक्त कर दिया है।
आउटलुक ने अपनी पड़ताल में पाया कि अनिल गोस्वामी और मतंग सिंह के बीच पुराने संबंध रहे हैं। अनिल गोस्वामी के गृह सचिव बनने के बाद से ही मतंग सिंह को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने जब सुरक्षा की समीक्षा की तब भी मतंग सिंह को सुरक्षा मिलती रही। इसके पीछे गोस्वामी का ही हाथ बताया जा रहा है। निजी संबंधों के चलते गोस्वामी मतंग सिंह के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक मतंग सिंह ने गोस्वामी के माध्यम से गृह मंत्रालय में अपने कई वफादार लोगों की मलाईदार पदों पर नियुक्तियां भी करवाई। सूत्र बताते हैं कि गोस्वामी की बर्खास्तगी के बाद सरकार उन अधिकारियों की भी जांच करा रही है जिनकी नियुक्तियों में गृह सचिव की सिफारिश हुई थी। चर्चा तो यह भी है कि अनधिकृत रूप से नौकरशाहों और नेताओं के फोन टेप हो रहे हैं जिसकी भनक अधिकारियों को नहीं है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हैं। तिवारी कहते हैं कि अगर सरकार ऐसा कर रही है तो यह दुखद है। ऐसे में अधिकारी डर कर काम करेंगे। केंद्र सरकार वैसे भी अधिकारियों के कामकाज को लेकर कुछ ज्यादा ही चुस्ती दिखा रही है लेकिन इस चुस्ती के डर से कई अधिकारी बेमन से भी काम करते नजर आ रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा कहते हैं कि सरकार उच्च पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम कर रही है। तभी ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं।