बंगलुरु की सीबीआई की विशेष अदालत ने ये फैसला सुनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री पर 40 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप था। उनके परिवार में बेटा, दामाद सहित 10 सदस्यों को भी मामले में सभी आरोपों से मुक्त किया गया है।
भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलवाए जाने की वजह से येदियुरप्पा ने साल 2012 में भाजपा छोड़ दी थी। लेकिन वर्ष 2014 में वह उस समय पार्टी में लौट आए, जब प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली।
भाजपा के केंद्र में सत्ता में आने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बड़े फेरबदल के तहत नियुक्त किए गए 11 उपाध्यक्षों में येदियुरप्पा को भी शामिल किया गया था।
येदियुरप्पा पर आरोप है कि उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हुआ था। येदियुरप्पा दक्षिण भारत में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे। 2008 में येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। 2011 में लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में उन पर राज्य में अवैध माइनिंग के आरोप लगे। इसके बाद उनको हटानेे की मांग जोर पकड़ी थी।