200 से अधिक सरकारी वेबसाइट आधार से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कर चुके हैं। आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने यह जानकारी दी है। एक आरटीआइ के जवाब में संस्थ्ाा ने बताया है कि कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते जैसी जानकारियां 210 सरकारी वेबसाइट सार्वजनिक कर चुके हैं।
यह साफ नहीं है कि ऐसा कब किया गया। हालांकि यूआइडीएआइ ने कहा है कि उसने इस चूक पर ध्यान देते हुए इन वेबसाइटों से आधार का ब्यौरा हटा दिया है। आरटीआइ जवाब में कहा गया है,"यह पाया गया है कि शैक्षिक संस्थानों समेत केंद्र सरकार, राज्य सरकार के विभागों की तकरीबन 210 वेबसाइटों पर लाभार्थियों के नाम, पते, अन्य जानकारियां और आधार संख्याओं को आम जनता की सूचना के लिए सार्वजनिक कर दिया गया।" उल्लेेख्ानीय है कि केंद्र सरकार ने विभिन्न सामाजिक सेवा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट इसके खिलाफ सुनवाई कर रहा है।
यूआइडीएआइ ने बताया है कि उसने आधार से जुड़ी जानकारियां कभी सार्वजनिक नहीं की है और उसका तंत्र बहुत व्यवस्थित है। वह डेटा सुरक्षा को उच्च-स्तरीय बनाए रखने के लिए लगातार अपने तंत्र को उन्नत बना रहा है। आधार का तंत्र इस तरह से बनाया गया है कि डेटा और निजी जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए समय-समय पर नीतियों और प्रक्रियाओं की समीक्षा कर उसे अपडेट किया जाता है।
आरटीआइ जवाब में कहा गया है कि यूआइडीएआइ परिसरों के भीतर और बाहर, खास तौर पर डेटा केंद्रों में डेटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। डेटा की सुरक्षा और निजता मजबूत करने के लिए नियमित आधार पर सुरक्षा जांच की जाती है। इसके अलावा डेटा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं।