पीटीआई के मुताबिक, मंगलवार को संसद में चर्चा के दौरान सपा नेता रामगोपाल यादव ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर जानवरों के प्रति उनका यह कैसा प्यार है कि मनुष्य की जान तो जा सकती है लेकिन जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। देश की एक मंत्री ने इस तरह के आदेश दिए हैं कि पशुओं को बांधकर नहीं रखा जा सकता। लेकिन यह उनकी समझ से परे हैं कि अगर गाय या भैंस को घर में बांध कर नहीं रखा जाएगा तो वह दूध कैसे देंगे।। अगर पशु पूरी रात खुले में घूमेंगे तो फसलों को भी नष्ट करेंगे। अगर किसान पशुओं को बांधेंगे तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है क्योंकि केंद्रीय मंत्री का इस तरह का आदेश है।
रामगोपाल यादव आगे कहा कि दिल्ली के खान मार्केट में हर रोज कुत्ते काटने के मामले सामने आ रहे हैं। सभी जगह कुत्तों से लोग परेशान हैं और दुकानदार भी इससे परेशान भी हैं लेकिन कुत्तों को नुकसान पहुंचाया तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है। यह कोई मायने नहीं रखा कि मनुष्य मर रहे हैं या किसानों की फसल खराब हो रही है। आखिर यह किस तरह का तुगलकी फरमान है। केंद्र की नीतियों के चलते डेयरी सेक्टर व पशु पालक के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। दूध व मांस से भी लगभग उतना ही राजस्व मिलता है जितना गेहूं व चावल से। आगामी सालों में मांस व दूध का राजस्व घट जाएगा तब सरकार कैसे गरीबी दूर करेगी।
सपा सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र भाजपा शासित राज्यों द्वारा अपनाई जा रही नीतियों की वजह से पशुपालन और डेयरी सेक्टर को तमाम मुश्कलों का सामना करना पड़ रहा है।