मैसूर में एबीवीपी के छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और यूनाइटेड टेक्निकल कालेज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। छात्रों ने एमनेस्टी पर बैन की मांग करते हुए मामले में दोषियों को तत्काल गिरफ़तार करने की अपील की। एबीवीपी के महासचिव विनय बिदारे और मैसूर जिला समन्वयक शिवकुमार ने धरना प्रदर्शन की अगुवाई की।
एमनेस्टी के अनुसार उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैंं वो पूरी तरह बेबुनियाद है। शिकायत दर्ज कराना कश्मीर में मानवधिकारों के उलंघन का शिकार हुए लोगों की वास्तविकता को लोगों तक पहुंचने से रोकने की एक तरह से यह मुहिम है।
एमनेस्टी के खिलाफ शहर में लगभग 600 से 700 छात्रों ने राज भवन से दो किलोमीटर की दूरी पर विरोध प्रदर्शन किया और धरना दिया। पुलिस ने कहा कि एबीवीपी के छात्रों ने बिन अनुमति के विरोध प्रदर्शन किया। लिहाजा हमने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया।
विवाद तब पैदा हुआ जब एमनेस्टी की बैठक में कुछ कश्मीरी महिलाओं ने राज्य में सेना के हाथों मानव अधिकारों के उल्लंघन की बातें की। बहस तब बढ़ गयी जब कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधि ने सेना के काम और उनकी भूमिका की तारीफ़ की। इसी बीच दर्शकों में बैठे कुछ लोगों ने कथित तौर पर आजादी के नारे लगाये। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की क्योंकि दूसरी तरफ़ से 'भारत माता की जय' के नारे लगने शुरू हो गए थे। इधर प्रदेश भाजपा का कहना है कि समारोह में उसी तरह के नारे लगे हैं जैसे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में लगे थे।