राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर कांग्रेस के आरोपों को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘‘शर्मनाक’’ बताया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के आरोप सशस्त्र बलों के लिए नुकसानदायक है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि एक कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘‘समूचा सौदा’’ ही बदल दिया।
सीतारमण ने पत्रकारों को बताया,‘‘यह आरोप शर्मनाक है। इस सौदे को पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए अंतिम रूप दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि वायुसेना की फौरी जरूरत ही इस करार को करने की अहम वजह थी। फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों के सौदे के लिए सरकार ने सितंबर 2016 में दस्तखत किए थे। सीतारमण ने कहा कि इससे पहले भारत और फ्रांस के बीच पांच दौर की लंबी चर्चा हुई और इसे सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भी मंजूरी दी थी।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार विमान खरीदने के प्रस्ताव पर 10 साल तक चुप्पी साधे बैठी रही।10 साल तक रक्षा आधुनिकीकरण रोके रखा। 36 राफेल विमानों का सौदा इमर्जेंसी खरीदारी थी, क्योंकि कांग्रेस ने सेनाओं की रक्षा तैयारियों पर ध्यान नहीं दे सकी थी। कांग्रेस का आरोप है कि 2012 में यूपीए सरकार ने फ्रांस से एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए जितने में समझौता किया था, उससे तीन गुना ज्यादा रकम देकर मोदी सरकार एयरक्राफ्ट खरीद रही है। पार्टी का आरोप है कि सरकार ने ऐसा केवल एक इंड्रस्टियल ग्रुप रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने के लिए किया।