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वंदना शिवा का दावा, अनिल दवे जीएम के पक्ष में नहीं थे

पिछले दिनों दिवंगत पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे भारत में जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सरसों के विरोध में थे। यह दावा पर्यावरणविद वंदना शिवा ने किया है।
वंदना शिवा का दावा, अनिल दवे जीएम के पक्ष में नहीं थे

पर्यावरण मंत्री का पिछले हफ्ते निधन हो गया है। वह इस मुद्दे पर निर्णायक फैसला लेने वाले थे कि जीए फसल को व्यावसायिक रूप से उगाया जाए या नहीं। इस फसल को मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली भारत की बायोटेक रेगुलेटर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्राइजल कमेटी ने अप्रूव किया था। फिलहाल इस मंत्रालय का प्रभार साइंस और तकनीकी मंत्री हर्ष वर्धन को दिया गया है। वंदना शिवा का कहना है, मैंने कुछ वक्त अनिल दवे के साथ बिताया पाया कि वह इस प्रपोजल पर साइन करने के लिए तैयार नहीं थे। यह बात उन्होंने अपने एनजीओ नवदान्न की नई पुस्तक, अन्नम फूड एज हेल्थ के लॉन्च के मौके पर कही।

शिवा ने कहा कि मोनसेंटो और बायर दो मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में जीएम फसल को लाना चाहती हैं। मोनसेंटो ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। 

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