हजारे ने यहां पहुंचने के तुरंत बाद कहा कि देश भर में तीन-चार महीने की पदयात्रा के बाद दो दिनों का प्रदर्शन किया जाएगा ताकि अध्यादेश में केंद्र द्वारा किए गए किसान विरोधी प्रावधानों से लोगों को अवगत कराया जा सके।
उन्होंने कहा, अगर सरकार ने अध्यादेश वापस नहीं लिया तो लोग अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कार्यकर्ता किसानों को जागरूक करेंगे। देश भर के किसानों के अगले तीन-चार महीने में रामलीला मैदान में जुटने की संभावना है।
77 वर्षीय हजारे अध्यादेश के माध्यम से भूमि अधिग्रहण कानून में कुछ बदलाव किए जाने को लेकर मोदी सरकार के घोर आलोचक रहे हैं।
पिछले वर्ष 29 दिसम्बर को सरकार ने अध्यादेश लाकर भूमि अधिग्रहण कानून में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए थे जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए पांच क्षेत्रों में किसानों की सहमति प्राप्त करने की धारा को हटाना भी शामिल है। ये पांच क्षेत्र हैं औद्योगिक कॉरीडोर, पीपीपी परियोजनाएं, ग्रामीण आधारभूत ढांचे, सस्ते आवास और रक्षा।