सीबीआई को सौंपे जाने के बाद व्यापमं महाघोटाले से जुड़े लोगों की मौतों का सिलसिला रुक गया था। पिछले 9अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं जांच की पहली रिपोर्ट पेश करने के दौरान सीबीआई से व्यापमं में हुई मौतों को लेकर पूछा कि जांच सीबीआई को सौंपने के बाद मौतों का सिलसिला कैसे रुक गया और सीबीआई ने 35 मौतों के मामले में अभी तक जांच में क्या पाया है? इस पर अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सभी मौत व्यापमं मामले से जुड़ी नहीं हैं। उन्हें अभी मौतों के बारे में कुछ विशेष हाथ नहीं लगा है। पर विजय बहादुर सिंह की मौत के बाद एक बार फिर व्यापमं से जुड़े लोगों की मौतों एवं उसके कारणों की जांच में तेजी की जरूरत महसूस होने लगी है। सुप्रीम कोर्ट में व्यापमं मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।
सीबीआई अब तक 112 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। पीएमटी के तहत एमबीबीएस, बीडीएस जैसे कोर्स में हुए नामांकन और पुलिस, एक्साइज, राजस्व एवं शिक्षा विभाग में 2007 से 2013 के बीच हुई भर्ती इस घोटाले की जांच में शामिल है। व्यापमं परीक्षाओं के प्रश्नपत्र तय करने, परीक्षा केंद्रों पर वितरण सहित कई गोपनीय कार्यों में पर्यवेक्षकों की अहम भूमिका होती थी। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने व्यापमं में गडबड़ियों के खिलाफ विजय बहादुर सिह सहित व्यापमं के पर्यवेक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, ऐसे में उनकी मौत को संदेहास्पद मानकर जांच की मांग हो रही है।