उसने यह भी कहा कि कुमार पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया गया और अदालत में उपस्थित होने से पहले बयान जारी करवाया गया। आयोग की तथ्यान्वेषी टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा, वकीलों के कपड़े पहने कुछ लोगों ने पटियाला हाउस अदालत परिसर में 17 फरवरी को कन्हैया कुमार को गालियां दीं और हमला किया।
उसने कहा, अदालत कक्ष के भीतर पुलिसा की उपस्थिति में कन्हैया को पीटा गया और पुलिस ने हमले को रोकने या हमलावरों को पकड़ने के लिए कुछ नहीं किया जबकि कुमार ने इन लोगों की शिनाख्त भी की। कुमार पर हमला संगठित एवं पूर्व नियोजित लगता है। आयोग के एक दल ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत परिसर में बुधवार को कुमार पर हमला किया गया और यह पुलिस की ओर से बड़ी सुरक्षा खामी है। उसने कहा कि पुलिस की ओर से कन्हैया की जो अपील जारी की गई उसे उसने स्वेच्छा से नहीं लिखा था। वह उससे पुलिस ने लिखवाया था।