महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव युद्ध की सालगिरह पर हुई हिंसा से पूरे राज्य में तनाव का वातावरण है। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत के बाद सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं इसके बाद भी सूबे के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अब पुणे हिंसा की आग मुंबई समेत कई शहरों तक फैल गई है।
इस बीच बीएसपी नेता मायावती ने भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा पर कहा है कि यह जो घटना घटी है, रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा की उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने वहां हिंसा करवाई। लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।
Yeh jo ghatna ghati hai yeh roki ja sakti thi. Sarkaar ko wahan suraksha ka uchit prabandh karna chahiye tha. Wahan BJP ki sarkaar hai aur unhone wahan hinsa karayi, lagta hai iske peeche BJP,RSS aur jaati wadi takaton ka haath hai: BSP Chief Mayawati on #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/RZAPKYsYWr
— ANI UP (@ANINewsUP) January 2, 2018
वहीं बहुजन महासंघ के नेता और डॉ बीआर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्रवान किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि इस हिंसा के पीछे हिंदू संस्था के मिलिंद एकबोते ओर सांभाजी भिंडे का हाथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू एकता आगाड़ी और शिवराज प्रतिष्ठान की वजह से मुठभेड़ हुई, जिसका नेतृत्व क्रमशः मिलिंद एकबोते और संभाजी भिंडे ने किया।
आंबेडकर के मुताबिक ग्रामीणों को शिवराज प्रतिष्ठान द्वारा उकसाया गया, जबकि हिंदू एकता अगाड़ी ने कोरेगांव युद्ध स्मारक की ओर जाने वाले लोगों पर पत्थर फेंके।
इधर मंगलवार को देर शाम दो युवाओं अक्षय बिक्कड और आनंद डॉन्ड ने पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में विधायक जिग्नेश मेवाण्ाी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद के खिलाफ लिखित शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवाण्ाी और उमर खालिद ने कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था।
Complaint against Jignesh Mevani & Umar Khalid received at Pune's Deccan Police Station, complainant alleges they made provocative statements that led to tension b/w two communities. (File Pics) pic.twitter.com/qaZOej3iX1
— ANI (@ANI) January 2, 2018