Advertisement

तीस्‍ता सीतलवाड़ को हाईकोर्ट से दो हफ्ते की राहत

बम्बई उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी।
तीस्‍ता सीतलवाड़ को हाईकोर्ट से दो हफ्ते की राहत

विदेशी अनुदान से जुड़े मामले में तीस्‍ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद की संस्‍था सबरंग कम्‍युनिकेशंस के खिलाफ गृह मंत्रालय ने अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद सीबीआई ने 8 जुलाई को तीस्‍ता व अन्‍य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मुंबई में उनके घर और दफ्तर पर छापेमारी भी हुई। तीस्‍ता सीतलवाड़ ने इसे राजनीतिक साजिश और केंद्र के इशारे पर उन्‍हें फंसाने की कोशिश करार दिया है। 

तीस्ता और जावेद ने अपने वकील के जरिए अदालत को बताया कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है। उनके वकील मिहिर देसाई ने अदालत को बताया कि सीबीआई उन्हें सिर्फ इसलिए गिरफ्तार करना चाह रही है ताकि गुजरात में उनके कामों के लिए उन्हें अपमानित किया जा सके। सीबीआई ने कहा है कि तीस्ता और जावेद के खिलाफ लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और जांच के दौरान अपराध के सभी पहलू और साजिशें सामने आएंगी। 

गौरतलब है कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगों के पीड़ितों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। गुजरात पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर तीस्ता की अग्रिम जमानत का विरोध किया है। इस हलफनामे में गुजरात पुलिस ने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद पर एनजीओ को मिले फंड के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का सबरंग ट्रस्‍ट और सेंटर फॉर जस्टिस एंड पीस ने सिलसिलेवार जवाब देते हुए सिरे नकार दिया है। 

 

 
 
 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad