पंजाब नेशनल बैंक में हुई 11, 400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पीएनबी की मुंबई में ब्रैडी रोड शाखा को सील कर दिया है।
#Visuals : CBI sealed Punjab National Banks's MCB Brady House branch in Mumbai, from where transactions related to #PNBScam were carried out. #NiravModi pic.twitter.com/emTrnEZyFo
— ANI (@ANI) February 19, 2018
सीबीआई ने रविवार को यहां गहन तलाशी अभियान चलाया और महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों सहित बैंक के 5 अधिकारियों से पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, तलाशी अभियान रातभर जारी रहा।
CBI sealed Punjab National Banks's MCB Brady House branch in Mumbai, from where transactions related to #PNBScam were carried out. #NiravModi pic.twitter.com/TChoIYlGW9
— ANI (@ANI) February 19, 2018
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि इस सिलसिले में 11 लोगों से पूछताछ की जानी है। जांच अधिकारी इस सिलसिले में हिरासत में लिए गए बैंक अधिकारियों- सेवानिवृत्त गोकुलनाथ शेट्टी व मनोज खाराट और नीरव मोदी की कंपनियों के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रहे हैं।
अरबपति कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ज्वेलर्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी की संलिप्तता वाले इस घोटाले की शुरुआत पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी रोड शाखा से ही हुई थी। सीबीआई बैंक की शाखा में घोटाले की धनराशि और गहराई का पता लगाने के लिए हजारों दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड्स की भी जांच कर रही है। सीबीआई गीतांजलि समूह की भारत स्थित 18 सहायक कंपनियों के वित्तीय लेनदेन की भी पड़ताल कर रही है।
सीबीआई ने कहा कि फिलहाल वह घोटाले की गहराई, धनराशि के लेनदेन और इसमें बैंक अधिकारियों की संलिप्तता को केंद्र में रखकर जांच आगे बढ़ा रही है।
गौरलतब है कि यह मामला उस वक्त प्रकाश में आया, जब नीरव मोदी की कंपनी ने पिछले महीने नया लोन मांगा। लेकिन तब तक उसके साथ मिलीभगत कर उसे यह सुविधा मुहैया कराने वाले अधिकारी रिटायर हो गए थे और नए अधिकारी ने ये लेटर्स जारी करने के लिए 100 प्रतिशत का कैश मार्जिन मांगा। इस पर नीरव की कंपनी ने जब कहा कि उन्हें यह सुविधा पहले मिलती रही है, तो PNB सतर्क हुआ। PNB के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्सर सुनील मेहता ने कहा कि बैंक ने धोखाधड़ी का पता चलने के बाद इसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिया।
PNB ने इस मामले में CBI में शिकायत 29 जनवरी को दर्ज कराई। PNB का आरोप है कि नीरव मोदी, उनकी पत्नी और भाई ने 2011 में 'लेटर्स ऑफ अंडटेकिंग' हासिल करने के लिए मुंबई स्थित इसकी एक शाखा के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और इसके लिए जरूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। इसकी जनकारी बैंकिंग सिस्टम में नहीं डाली गई। ये लेटर ऑफ अंडर टेकिंग एक तरह का क्रेडिट नोट था, जिसको आधार बनाकर नीरव मोदी ने 30 बैंकों से 11,300 करोड़ रुपये कर्ज लिया।