गौरतलब है कि कई प्रमुख हस्तियों द्वारा किए जा रहे विज्ञापन को लेकर समय-समय पर शिकायत मिलती रहती है। इसके मद्देनजर सरकार ने इस तरह के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक के लिए ऐसा कानून बनाने का प्रस्ताव दिया है ताकि कोई सेलिब्रिटी भ्रामक विज्ञापन न करे। कई बार सेलिब्रिटी के विज्ञापन को देखकर लोग भ्रमित हो जाते हैं। विधेयक में दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर सेलिब्रिटी को दस लाख रुपये तक जुर्माना और दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके बाद भी अगर सेलिब्रिटी भ्रामक विज्ञापन का दोषी पाया जाता है तो उस पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा हो सकती है।
भ्रामक विज्ञापन को लेकर अगस्त 2015 में सरकार ने एक कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल लोकसभा में पेश किया था। जिसको संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास विचार के लिए भेजा गया था। इस कमेटी ने अप्रैल 2016 में अपनी राय देते हुए सरकार से कहा था कि वो इस प्रस्ताव को भी बिल में शामिल करे। इसके बाद ही इस विधेयक को लेकर सरकार ने गंभीरता दिखानी शुरू की। विधेयक के लिए बनाए गए मंत्री समूह में वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण को भी शामिल किया गया है।