देशभर में कोरोना वायरस से होने वाले मौत के आंकड़ों पर कई महीनों से सवाल उठे हैं। अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा है कि सभी कोरोना वायरस मौतों को कोविड की मौतों के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। एनडीटीवी इंडिया के अनुसार केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में इस नियम का पालन नहीं करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का भी दावा किया है।
दरअसल, अब तक कोविड संक्रमितों की अस्पतालों में हुई मौत को ही बस कोविड से हुई मौत माना जाता था। यहां तक कि होम आइसोलेशन या अस्पताल के बाहर होने वाली मौतों को कोविड से मौत में नहीं गिना जाता था। इस कारण से मौत के आंकड़ों में विसंगतियों की शिकायत आ रही थी।
साथ हीं, केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर ये भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि वो कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है।
केंद्र ने कोर्ट के एक नोटिस पर रविवार को हलफनामा दायर किया है। कोर्ट ने कोरोना से हुए मृत्यु पर मुआवजे और प्रमाणन के लिए दायर एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था। याचिका में कहा गया था कि पीड़ितों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारणों में कोरोना का जिक्र नहीं है, जिसकी वजह से उनके परिजनों को मुआवजा मिलना मुश्किल हो सकता है।