लेकिन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हाल के पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी घटनाओं के कारण सुरक्षा के नए खतरों को ध्यान में रखकर इस आयोजन पर आपत्ति कर रहे थे। बी.सी.सी.आई के सचिव भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राजनीतिक आग्रह से हटकर कांग्रेस विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से भेंट कर इस मैच के लिए सहमति देने का आग्रह किया। इसका अनुकूल असर दिखा है। मुख्यमंत्री की यह चिंता भी सही है कि पठानकोट हवाई अड्डे पर आतंकवादी हमले में हुए शहीदों के परिवारों के साथ हजारों पूर्व सैनिक भी दुखी हैं और उनके संगठनों को विश्वास में लेकर ही ऐसा मैच हो सकता है। मैच के दौरान यदि वे लोग विरोध व्यक्त करने पहुंच गए तो उनके खिलाफ बल प्रयोग नहीं हो सकता। धर्मशाला अकेला क्षेत्र नहीं है, देश के हर हिस्से में पाक आतंकवाद से बेहद नाराजगी है। वहीं यह भी सच है कि भारत और पाकिस्तान की सामान्य जनता आतंकवाद से निजात चाहती है और पारस्परिक संबंध बढ़ाना चाहती है। इसलिए क्रिकेट हो या हॉकी अथवा संगीत के आयोजन, लाखों लोग इकट्ठा होकर खिलाड़ियों तथा कलाकारों की प्रशंसा करते हैं। क्रिकेट के वर्ल्ड कप पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट प्रेमियों की नजर रहती है। भारत और पाकिस्तान में क्रिकेट के साथ राजनेता भी बड़ी संख्या में जुड़े हुए हैं। इसका प्रभाव खेलों पर पड़ता है। भाजपा की सहयोगी शिव सेना ने फिर से त्रिशूल निकाल लिया है। वीरभद्र सिंह मान जाएं, तब भी शिव सेना पहले की तरह विरोध जारी रख सकती है। यह राजनीतिक खेल अनुचित है। खेल, संगीत के साथ राजनीतिक ड्रामा नहीं होना चाहिए।