छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व ब्रिगेड के निशाने पर चर्च लंबे समय से बने हुए हैं। चर्चों में तोड़फोड़ करने से लेकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार का माहौल बनाया जा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के इस बयान को भी देखा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में चर्चों और नक्सलियों के बीच गठबंधन है। उनका कहना है कि इसी वजह से नक्सली चर्चों पर हमला नहीं करते हैं। इंद्रेश कुमार के इस बयान की ईसाई समाज में तीखी प्रतिक्रिया हुई। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि आज तक संघ पर भी नक्सलियों ने हमला नहीं किया है, क्या इसका यह अर्थ निकाला जाए कि संघ का नक्सिलयों से समझौता है।
इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ क्रिस्चन फोरम ने कड़ा विरोध जताया और कहा कि इंद्रेश कुमार का यह बयान ईसाइयों के खिलाफ साजिश है। इस फोरम के अरुण पन्नालाल ने आउटलुक को बताया छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या को हल करने में चर्च अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। जहां तक कस्लियों के हमलों की बात है तो वे किसी भी धार्मिक स्थानों पर चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो या चर्च हो, उस पर हमला नहीं करते हैं। इससे ये तो नहीं कहा जा सकता कि नक्सलियों का इन सब से गठबंधन है।
उन्होंने कहा कि यह सबकी जानकारी में है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में विश्व हिंदू परिषद के निशाने पर ईसाइयों के कब्रिस्तान, चर्च और बाकी संपत्ति है। कई जगहों पर चर्चों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है।