नोटबंदी की सालगिरह पर बुधवार को रायपुर में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और उनके बीच जमकर झड़प हुई। दोनों ओर से पत्थरबाजी भी हुई, जिसमें दोनों ही पक्षों के लोग घायल हो गए। लेकिन गंभीर चोट किसी को भी नहीं आई है। भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच यह हिंसक झड़प रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में हुई।
झड़प उस दौरान हुई, जब नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस के तमाम आला नेता काला दिवस मनाने जुटे थे। इसी दौरान भारी तादाद में भाजपा कार्यकर्ता भी वहां पहुंचे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेताओं की ओर चूड़ियां फेंकीं और नारेबाजी की। देखते ही देखते नारेबाजी पहले तू-तू,मैं-मैं फिर हिंसक झड़प में तब्दील हो गई।
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक हंगामे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंके। जवाब में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी पत्थरबाजी की। यह सब कुछ पुलिस की मौजूदगी में हुआ। तनाव बढ़ने के बाद हरकत में आई पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को काबू में लाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने हंगामे पर काबू पाया और हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इस दौरान करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।
देर रात कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंकने वालों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर एसपी ऑफिस के सामने धरना दिया। उधर, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल का आरोप है कि कांग्रेस ने गुंडे बुलवाकर पथराव करवाए। पथराव पर कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने तीखी नाराजगी जताई है। पुनिया ने पथराव के लिए पूरी तरह से भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे तानाशाही बताते हुए पुलिस पर भाजपा कार्यकर्ताओं को बचाने का भी आरोप लगाया।