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कांग्रेस को साथ लेकर माकपा की दफ्तरों पर `पुनर्दखल’ की होड़

कांग्रेस को साथ लेकर वाममोर्चा बंगाल में राजनीतिक जमीन `पुनर्दखल’ करने में जुट गई है। इस कारण सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन के कार्यकर्ताओं के बीच तनाव बढ़ने लगा है।
कांग्रेस को साथ लेकर माकपा की दफ्तरों पर `पुनर्दखल’ की होड़

जिन दफ्तरों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा हो गया था और रंग बदल दिए गए थे, अब उन दफ्तरों पर लाल झंडे या कांग्रेस के झंडे फहराए जाने लगे हैं। कांग्रेस और वाममोर्चा समर्थकों के साझा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अब तक बंगाल भर में 48 दफ्तरों पर नए झंडे दिखने लगे हैं।

पांच-छह साल के बाद कई इलाकों में ऐसा हो रहा है। मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले के शासन- खड़ीबाड़ी इलाके में एक चुनाव कार्यालय पर पुनर्दखल किया वाममोर्चा ने। संवेदनशील इस इलाके में घुसने पर खून-खराबे की चेतावनी दी थी तृणमूल समर्थकों ने। 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद स्थानीय बाहुबली माकपा नेता माजिद अली उर्फ माजिद मास्टर इलाका- बाहर थे। राज्य के खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने चेतावनी दी है कि ऐसा कर माकपा वाले हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। इस जिले में अमीनपुर और शासन में आठ दफ्तरों पर पुनर्दखल किया गया। हड़ोआ विधानसभा के माकपा उम्मीदवार इम्तियाज हुसैन और मध्यमग्राम के कांग्रेस प्रार्थी तापस मजुमदार इन दफ्तरों के ताले खुलवाने पहुंचे थे। कूचबिहार, हावड़ा, हुगली, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा जिलों में अब तक कुल 48 दफ्तरों पर माकपा पुनर्दखल कर चुकी है।

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