एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर दलित संगठन का आज देशव्यापी प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।
I wish to convey that today we've filed a petition on the judgement by Supreme Court on the SC/ST act. We have filed a comprehensive review petition which will be presented before the court by the senior lawyers of the government: Ravi Shankar Prasad, Union Law Minister #SCSTAct pic.twitter.com/d7fzlUtTHy
— ANI (@ANI) April 2, 2018
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में यह तर्क दिया गया है कि कोर्ट के फैसले से एससी और एसटी एक्ट 1989 के प्रावधान कमजोर हो जाएंगे। याचिका में सरकार ने कहा कि कोर्ट के मौजूदा आदेश से लोगों में कानून का भय खत्म होगा और इस मामले में और ज्यादा कानून का उल्लंघन हो सकता है।
एनडीए के सांसदों ने पीएम से जताई थी चिंता
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की अगुवाई में दलित समुदाय के मंत्रियों व सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (एससी-एसटी ऐक्ट) पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर पिछले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला भी था। मुलाकात के बाद पासवान ने दावा किया था कि सरकार एससी-एसटी ऐक्ट के कुछ सख्त प्रावधानों को कमजोर करने वाले अदालत के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। इसके बाद सरकार की तरफ से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया।