काउंसिल ने डाक्टरों को साफ तौर पर कहा है कि पर्ची साफ अक्षरों में व बड़े अक्षरों में लिखी जाए तथा दवाओं के इस्तेमाल में तर्कसंगतता होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
एमसीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि कानून के तहत सभी रजिसट्र्ड डाक्टरों को 2016 की अधिसूचना का पालन करना चाहिए। यह सर्कुलर मेडिकल कॉलेजों के सभी डीन, प्रिंसिपल, अस्पतालों के निदेशकों और सभी राज्य चिकित्सा परिषद् के अध्यक्षों को जारी किया गया है।
सरकार भी 2015 के आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची को संशोधित कर रही है ताकि अधिक दवाओं को इसमें शामिल किया जा सके। जन औषधि कार्यक्रम का भी विस्तार किया जा रहा है जिसके तहत सरकार उचित दर पर आवश्यक दवाएं मुहैया कराती है।