प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध धन के कारोबार पर रोक लगाने वाले मनीलांडरिंग निवारक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आईडीबीआई बैंक के और विजय माल्या के नेतृत्व वाली किंगफिशर एयरलाइन्स के छह से अधिक कर्मचारियों को सम्मन जारी किए हैं। उन्हें अपने पिछले पांच साल के वित्तीय ब्योरे और आयकर रिटर्न पेश करने को कहा गया है। निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, हमने रघुनाथन को बुलाया था और आज सुबह वह पूछ-ताछ के लिए पेश हुए।
उन्होंने कहा, ‘उनसे पूछताछ महत्वपूर्ण है ताकि विभिन्न वित्तीय सौदों के संबंध में जानकारी मिल सके क्योंकि उनमें से कई रघुनाथन के व्यक्तिगत अधिकार क्षेत्र के हैं। एसएफआईओ के सामने पिछले महीने अपने बयान में रघुनाथ ने किंगफिशर के वित्तीय संकट के लिए माल्या को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह उनके अधीन काम करते थे।’
इस मामले में आईडीबीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक योगेश अग्रवाल को भी सम्मन जारी किया गया है। अधिकारियों ने संकेत दिया था कि एजेंसी इस मामले में शराब कारोबारी माल्या को सम्मन जारी करने का फैसला करने से पहले बैंक और विमानन कंपनी के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों से पूछताछ करेगी।
निदेशालय ने पिछले साल सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांडरिंग का मामला दर्ज किया है। एजेंसी किंगफिशर एयरलाइन्स के वित्तीय ढांचे की भी जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई रिश्वत तो नहीं दी गई।
निदेशालय ने सीबीआई की शिकायत में दर्ज माल्या और अन्य खिलाफ मनी लांडरिंग निवारक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।