असल में राजनैतिक कारणों से सफाई कर्मचारियों की समस्या का आज तक कोई हल नहीं निकल पाया है। नजीजजन हर बार दिल्ली की जनता को परेशान होना पड़ता है। आलम है कि सफाई के मुद्दे पर एमसीडी ने कभी ठोस योजना बनाने की जहमत तक नहीं उठाई। दिल्लीवासियों को कूड़े व सफाई से कैसे मिल पाएगी निजात, सवाल बनकर रह गया है। कई दौर की बातचीत के बाद हल नहीं निकल पाने पर एस्मा लगाने का फैसला लिया गया।निगम के प्रवक्ता के मुताबिक, पर्यवेक्षण स्टाफ की हड़ताल गैर कानूनी है क्योंकि वह श्रम विभाग के यादरे से बाहर हैं। इसके साथ वह खुद हड़ताल पर है और बाकी सफाई कर्मचारियों को भी काम करने से रोक रहे हैं। निगम में आर्थिक हालत सुधारने के काफी प्रयास किए लेकिन कुछ हद तक कामयाबी मिल पाई। हड़ताल से आम लोगों को परेशानी हो रही है तथा मौसम भी खराब है। बरसात के मौसम में जलजनित बीमारियों में इजाफा हो जाता है और डेंगू-चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। मालूम हो कि पिछले सप्ताह ही अदालत ने एमसीडी को सफाई के मुद्दे पर फटकार लगाई है तथा कटघरे में खड़ा किया है।
हड़ताली सफाईकर्मियों पर एस्मा लगाने की सिफारिश
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी मांगों को लेकर छठी बार हड़ताल पर है। एमसीडी ने कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए एस्मा लगाने की सिफारिश दिल्ली सरकार से की है। निगम कानून के तहत आम लोगों के हित में कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई व मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है।
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