नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध के बीच देश भर में लोग इतने आशंकित हो गए हैं कि वे किसी भी तरह के सर्वे और डोर-टू-डोर सेवाओं पर संदेह करने लगे हैं और उन्हें देखकर आक्रोशित होने लगे हैं। मेरठ में पोलियो वैक्सीनेशन टीम के साथ उस समय लोगों ने दुव्यवहार किया और बंधक बनाने का प्रयास किया जब वे पोलियो वैक्सीनेशन की जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे थे। बिहार के दरभंगा स्थित एक गांव में सर्वे करने वाले अनुसंधानकर्ताओं को इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा। वहां गुस्साए गांव वालों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
मेरठ में पोलिया निवारण टीम के साथ दुर्व्यवहार
मेरठ के एसएसपी अजय साही ने बताया कि पिछले शनिवार को लिसारी गेट थाना क्षेत्र स्वास्थ्य विभाग की पोलियो निरोधक टीम गई थी। कुछ लोगों ने टीम के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की। टीम में कबीर अहमद खान नाम की एक महिला और कुछ पुरुष सदस्य थे। इन लोगों को संदेह था कि यह टीम एनपीआर के लिए आंकड़े एकत्रित कर रही है।
पुलिस ने बचाया, आरोपियों पर केस
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार ने बताया कि पोलिया निरोधक टीम जैसे ही लाकीपुरा क्षेत्र में पहुंची, कुछ लोग जमा हो गए। जब स्टाफ ने अपनी पुस्तिका में बच्चों का विवरण दर्ज करना शुरू किया, इन लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें बंधक बना लिया। क्षेत्र के लोगों को संदेह था कि सरकारी कर्मचारियों ने एनपीआर और एनआरसी के लिए जानकारी जुटा रहे हैं। मेरठ के एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने स्टाफ को बचाया और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
दरभंगा में अनुसंधानकर्ताओं को बंधक बनाया
उधर, दरभंगा के पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने बताया कि जमालपुर थाने के तहत एक गांव में 12 लोगों की एक टीम शुक्रवार को पहंची। इसमें चार महिलाएं भी शामिल थीं। अमेरिका के एक पीएचडी स्कॉलर ने लखनऊ स्थित अनुसंधान संगठन की टीम को दरभंगा भेजा था। जैसे की सर्वे स्टाफ ने परिवारो की जानकारी लेना शुरू किया, खबर फैल गई कि एनआरसी सर्वे के लिए सरकारी कर्मचारी आ गए हैं। इससे गांव के लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने टीम के सदस्यों को बंधक बना लिया और बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
लोगों का गुस्सा तभी शांत हुआ जब पुलिस अधिकारियों ने अनुसंधानकर्ताओं की पहचान का सत्यापन कर लिया और गांव वालों को इसके बारे में बताया। इसके बाद गांव के लोग संतुष्ट होकर चले गए।
जिले में जागरूकता अभियान शुरू
दरभंगा के एसपी ने बताया कि कुछ दिनों पहले जिले में इसी तरह की एक और घटना हुई थी। इसके बाद जिले में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है कि अगर उन्हें किसी सर्वेयर के बारे में कोई संदेह हो तो वे अवैध रूप से बंधक बनाने के बजाय वे इसकी जानकारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन को दें।